//Kangana Ranaut – Indian Actress and Filmmaker / कंगना राणावत
कंगना राणावत जीवनी - Kangana Ranaut Biography in hindi

Kangana Ranaut – Indian Actress and Filmmaker / कंगना राणावत

कंगना राणावत जीवनी – Kangana Ranaut Biography in hindi – बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना की पहचान उनकी एक्टिंग से तो है ही, साथ ही वह बॉलीवुड माफियाओं को एक्सपोज कर के, सबकी सामने लाने वाली, एक “बहादुर एक्ट्रेस” के तौर पर भी जानी जाती हैं। कंगना ही वह हीरोइन हैं जिसने सुशांत सिंह राजपूत केस की सीबीआई जांच की पहली आवाज उठाई थी। कंगना अपनी फिल्म अपने दम पर हिट कराने के लिए भी जानी जाती हैं । आज कंगना लाखों दिलों पर राज करती है। कंगना कहती हैं कि मैंने इस इंडस्ट्री में बहुत सहा, अगर मेरी जगह कोई और होता तो शायद वह आत्महत्या कर लेता ।

कंगना राणावत का जन्म 23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के “मामला” नामक शहर में हुआ। वह एक अच्छे परिवार से है। कंगना के दादाजी एक आईएएस अधिकारी थे। कंगना के पिता का खुद का बिजनेस है और उनकी मां एक गवर्नमेंट टीचर हैं। इन सबके अलावा कंगना की एक बड़ी बहन है जिनका नाम “रंगोली” है और एक छोटा भाई है जिसका नाम “अक्षत” है। कंगना बचपन से ही काफी जिद्दी स्वभाव की लड़की रही है। कंगना के घर में भी लड़कियों को एक आम भारतीय की लड़कियों की तरह रखा जाता था। मतलब उनका पढ़ना लिखना और लड़की होने की याद दिलाना, जिससे वह शादी के बाद अपने पति के साथ अच्छे से रह सके। कंगना को देखकर बहुत गुस्सा आता था।

कंगना बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और वह डॉक्टर बनना चाहती थी। स्कूल के दौरान जब वह 16 साल की थी तो उनके स्कूल में एक इवेंट ऑर्गेनाइज हुआ, उस इवेंट में कंगना को “फेस ऑफ ईयर” का इनाम मिला। उन्होंने कंगना से बोला कि आपको टीवीसी शूट करना है। कंगना को शूट के लिए मुंबई जाना था। कंगना ने यह बात अपने घर पर बोली तो सब ने मना कर दिया लेकिन कंगना को हर हाल में मुंबई जाना था। कंगना ने 16 साल की उम्र में अपना घर छोड़ने का फैसला कर लिया क्योंकि उनको अपने दम पर कुछ करना था। कंगना टीवीसी शूट के लिए मुंबई आ गई। टी वी सी शूट के बाद वह दिल्ली अपनी एक सहेली के यहां चली गई। दिल्ली में कंगना ने मॉडलिंग की और ऑडिशन दिए। जहां उन्हें एक “इंटरनेशनल एजेंसी” ने हायर कर लिया। वहां रैम पर उन्हें सुझाव दिया गया कि तुम बहुत खूबसूरत हो और तुम्हें फिल्मों में कोशिश करनी चाहिए। कंगना का भी कहीं ना कहीं यही इरादा था। कुछ ही दिन के बाद कंगना दिल्ली से मुंबई आ गई। मुंबई में कंगना लड़कियों के हॉस्टल में रहने लगी और अपना खर्चा और एक्टिंग की क्लास की फीस के लिए कुछ काम भी करने लगी। लड़कियों के हॉस्टल में एक “डॉली खान” नाम की लड़की थी। वह बॉलीवुड के लोगों को जानती थी और उस लड़की ने कंगना को आदित्य पंचोली से मिलवाया। आदित्य पंचोली फिल्मों में ज्यादा हिट नहीं थे लेकिन उनकी जड़ें फिल्म इंडस्ट्री में काफी मजबूत थी।

कंगना जिस हॉस्टल में रहती थी वहां उसकी दोस्ती एक आंटी से हो गई। वह आंटी भी फिल्मों में काम करना चाहती थी। आदित्य पंचोली कंगना के साथ साथ उन आंटी से भी बात करने लगे। आंटी आदित्य पंचोली से बात करके काफी खुश थी । उनको लगता था कि आदित्य उनको फिल्मों में काम दिलवा देंगे। आंटी ने कंगना से बोला कि हम अलग फ्लैट ले लेते हैं जिसका किराया हम आपस में बांट लेंगे। आदित्य ने कहा कि मेरा एक फ्लैट खाली पड़ा है तुम लोग उसमें शिफ्ट हो जाओ। कंगना आंटी के साथ फ्लैट में शिफ्ट हो गई तो आदित्य ने आंटी से लड़ाई कर ली और उनको भगा दिया और कंगना को उसने फ्लैट में लॉक कर दिया। वहां उसने कंगना को गाड़ी ड्राइवर और स्टाफ भी दिया। लेकिन कंगना वहां अपनी मर्जी से वह कुछ नहीं कर सकती थी। उनकी एक एक कदम की खबर आदित्य को दी जाती थी। कंगना को वहां “हाउस अरेस्ट” कर लिया गया था। वह बाहर ऑडिशन देने पर आदित्य से परमिशन लेकर जा सकती थी । इसके बाद वह कंगना को जबरदस्ती पार्टियों में ले जाने लगा और उन्हें धोखे से ड्रग्स देने लगा। अगर कंगना उससे कुछ बोलती तो वह कंगना को मारने को तैयार हो जाता। कंगना वहां बुरी तरह फंस गई थी क्योंकि अगर वह यह बात अपने घरवालों को बताती तो वह भी हिमाचल के एक छोटे से शहर से मुंबई के इन बड़े-बड़े माफियाओं का क्या करते और अगर वह हिमाचल से मुंबई कंगना की सहायता को आते, तो मुंबई में उनकी जान को खतरा होता। आदित्य कंगना को लेकर ऐसी पार्टी में जाया करता जहां दुबई और और भी बड़े-बड़े शहरों से लोग आते थे वहां कंगना को वह उन सबके बीच बैठा कर बाहर चला जाता था । कंगना को अब यह डर भी लगने लगा कि कहीं आदित्य उसे दुबई वगैरह में बेच न दे ।

तीन चार महीने बाद कंगना को एक फिल्म में ब्रेक मिल गया। यह कंगना की पहली फिल्म 2006 में अनुराग बसु की “गैंगस्टर” थी। इस फिल्म के डायरेक्टर अनुराग बसु को कंगना ने पूरी बात बता दी थी। इसके बाद अनुराग बसु ने कंगना की काफी मदद की और उन्होंने कंगना को कई- कई दिन अपने ऑफिस में छुपा कर रखा। यह फिल्म करने के बाद कंगना ने आदित्य का फ्लैट छोड़ दिया और एक अलग किराए पर घर ले लिया। आदित्य ने कंगना के घर की डुप्लीकेट चाबी बनवाई हुई थी और वह जब मर्जी हो तब कंगना के घर आ जाता , उसे पार्टियों में ले जाता, अजीब अजीब तरह के नशे कराता। आदित्य कंगना को ऐसे इंजेक्शन देता जिससे वह मानसिक रूप से बीमार हो जाएं। कंगना बताती है कि मैं मानसिक रूप से बीमार भी हो जाती थी।

एक दिन कंगना आदित्य के घर उनकी पत्नी के पास पहुंची और उसने आदित्य द्वारा किया गया सारा टॉर्चर बताया, तो उनकी बीवी ने बताया कि हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हम लोग खुद उस इंसान से बहुत डरते हैं। कंगना ने बोला मैं पुलिस में जाऊंगी तो आदित्य की पत्नी ने बोला आपको जो अच्छा लगे वह करो। फिर एक दिन कंगना रात को नशे की हालत में घर की खिड़की से कूदकर और भाग कर पुलिस स्टेशन पहुंची। उन्होंने पुलिस को सारी बातें बताई । पुलिस ने वही आदित्य पंचोली को बुलाकर बोला कि तुम इस लड़की से दूर रहो। अगर इस लड़की को कुछ भी हुआ तो उसके जिम्मेदार तुम्हारी होगी। पुलिस की धमकियों के बाद आदित्य ने कंगना से दूरी बना ली।

मुंबई आने से पहले कंगना ने दिल्ली में कुछ थियेटरों के नाटकों में भी काम किया। मुंबई आकर कंगना ने “आशा चंद्रा” नामक स्कूल में एक्टिंग का कोर्स किया। “गैंगस्टर” फिल्म के लिए ऑडिशन देने गई तो उनका ऑडिशन तो बहुत अच्छा रहा परंतु जो फिल्म में रोल था वह एक बच्चे की मां का था। फिल्म के प्रड्यूसर महेश भट्ट ने कहा कि तुम अभी इस रोल के लिए छोटी हो और इस रोल के लिए चित्रांगना को साइन किया गया। परंतु व्यक्तिगत कारणों की वजह से चित्रांगना वह रोल नहीं कर पाई। इसके बाद कंगना को इस रोल को करने के लिए बुला लिया गया। उनका रोल काफी मुश्किल था। 18 साल की हीरोइन के लिए यह रोल काफी चुनौती भरा था लेकिन कंगना ने इस रोल को बखूबी निभाया। वह इस फिल्म में 18 साल की लड़की नहीं 28 से 30 साल की एक औरत लग रही थी । इस रोल से कंगना को बहुत तारीफ मिली और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी हिट हुई। इस रोल के लिए कंगना को ” बेस्ट फीमेल डेब्यू का अवॉर्ड” भी मिला।

इसके बाद उन्हें “राज द मिस्ट्री कंटिन्यूज” में काम मिला। वह जब यह फिल्म कर रही थी तब “द इंडियन एक्सप्रेस” में एक आर्टिकल छपा जिसमें यह बताया गया कि कंगना उसी तरह की फिल्में कर रही हैं जिसमें करैक्टर को दिमाग संबंधी बीमारी हो। इसके बाद 2011 में उनकी फिल्म “तनु वेड्स मनु” सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 70 करोड़ का बिजनेस किया। इस फिल्म के बाद उनको एक सुपरस्टार बोला जाने लगा। इस फिल्म के बाद उनकी कुछ फिल्म फ्लॉप रहीं लेकिन “तनु वेड्स मनु रिटर्न्स” और “कृष 3” की सुपरहिट रही। लेकिन सफलता की बुलंदियों पर कंगना तब पहुंची उन्होंने अपने जीवन की सबसे बेहतरीन फिल्म “क्वीन” की। क्वीन फिल्म जिसने भी देखी वह कंगना के अभिनय का कायल हो गया। वहीं से कंगना “बॉलीवुड की क्वीन” बोली जाने लगी। कंगना की क्वीन मूवी उन्होंने अपने दम पर सुपरहिट कराई थी। इसके लिए कंगना को “बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड” और “फिल्म फेयर अवार्ड” भी मिला।

कंगना की फिल्म “मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी” के लिए भी उन्हें शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस फिल्म के डायरेक्टर बीच में ही फिल्म का डायरेक्शन छोड़ कर चले गए। कंगना ने इस फिल्म में डायरेक्टर का भी काम किया।

ऋतिक और कंगना की पहली मुलाकात “काइट” फिल्म करने के दौरान हुई। लेकिन “कृष 3” फिल्म के दौरान उनकी लव स्टोरी शुरू हुई। कंगना के मुताबिक वह ऋतिक से बहुत प्यार करने लगी थी और रिश्ते के बारे में बात हुई थी तो ऋतिक ने कहा- हम शादी कैसे कर सकते हैं मैं पहले से शादीशुदा हूं। कुछ दिन बाद ऋतिक की पत्नी ने ऋतिक को तलाक दे दिया।

उन्हीं दिनों ऋतिक की फिल्म “बैंग बैंग” की शूटिंग शुरू हो गई और बैंग बैंग फिल्म की शूटिंग के दौरान रितिक और कैटरीना एक दूसरे के काफी करीब आ गए थे। कंगना ने ऋतिक से बहुत प्यार किया था। खुद को संभाल कर वह फिर से शूटिंग पर जाने लगी।

उसी समय कंगना की फिल्म”क्वीन” रिलीज हुई जो एक सुपरहिट फिल्म थी। कंगना की जिंदगी में ऋतिक ने फिर से आना चाहा परंतु कंगना के तीखे सवालों से ऋतिक को काफी गुस्सा आ जाता था और यह रिश्ता आगे नहीं जा पाया।

ऋतिक को डर था कि कंगना कहीं अपनी तरफ से इस रिश्ते को लोगों को ना बता दें। इसलिए रितिक ने पहले ही कंगना के बहुत से ई-मेल पब्लिक कर दिए। कंगना ने कहा कि ऋतिक केवल मुझे बदनाम करना चाहते हैं। ऋतिक से प्यार के बाद, उनकी लड़ाई से वह मानसिक रूप से बीमार हो गई थी। कंगना ने एक इंटरव्यू में बोला कि जितना यह लोग बाहर से अच्छे दिखते हैं उससे कहीं ज्यादा यह इंडस्ट्री वाले अंदर से गंदे हैं। यह लोग दिखते अलग हैं लेकिन हकीकत कुछ और होती है। इनमें अच्छे इंसान बहुत कम मिलेंगे। ज्यादा माफिया, फायदा उठाने वाले और नीचा दिखाने वाले लोग हैं।

कंगना की बड़ी बहन पर देहरादून में 2 गुंडों ने एसिड फेंक दिया था जिसकी वजह से उनके चेहरे, सीने और गले पर गहरे घाव हो गए थे और उनकी एक आंख लगभग खराब हो गई है। उन की बहन की 57 सर्जरी के बाद उनके चेहरे को काफी हद तक ठीक किया गया है। कंगना ने ही मुंबई लाकर उनका इलाज करवाया। कंगना की बहन अभी भी कंगना के साथ रहती हैं और उनके सारे काम देखती हैं।

कंगना को कुकिंग का बहुत शौक है। कंगना का सपना है कि एक दिन उनका खुद का कैफे होगा। कंगना जब लड़कियों के हॉस्टल में थी तो वहां उन्हें सिगरेट पीने की आदत पड़ गई थी। बाद में उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया। कंगना रनौत ने यह तय किया है कि वह अब ऐसी फिल्म नहीं करेंगी, जिसमें उन्हें लीड एक्टर से कम पैसा मिले ।कंगना को कोई रुचि नहीं है कि वह किसी बड़े एक्टर के साथ काम करें। उन्हें अच्छे रोल प्ले करने में इंटरेस्ट है।
कंगना को मणिकर्णिका मूवी के लिए वजन बढ़ाना था उस समय कंगना ने उस किरदार को प्ले करने के लिए दूध और अंडो का काफी सेवन किया था। कंगना ने मणिकर्णिका फिल्म में सारे स्टंट सीन खुद ही करें है।

कंगना की फिल्म “रिवॉल्वर रानी” की शूटिंग चंबल में हुई थी। चंबल में एक बार वो डाकुओं के गन पॉइंट पर भी थी पर कैसे भी करके बच गई। कंगना ने उनकी सुपरहिट फिल्म क्वीन में खुद ही डायलॉग लिखे थे। कंगना कहती है कि ज्यादातर अवॉर्ड फंक्शंस फ्रॉड होते हैं। वह कहती है कि अगर उन्हें कभी ऑस्कर भी मिलेगा तो भी वह उसे लेने नहीं जाएगी। वह सिर्फ नेशनल अवार्ड जो सिर्फ दूरदर्शन पर मिलते हैं उसमें ही जाएंगी। कंगना ने “तीन नेशनल अवार्ड” भी जीत रखे हैं।

  • उन्होंने 2019 में “मेंटल है क्या”
  • 2008 में “फैशन”
  • 2017 में “सिमरन”
  • 2017 में ही “रंगून”
  • 2006 में “वो लम्हे
  • 2010 मे “वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई”
  • 2015 मे “कट्टी बट्टी”
  • 2013 में “शूटआउट एट वडाला”
  • 2007 में “लाइफ इन मेट्रो”
  • 2014 में “उंगली”
  • 2009 में “एक निरंजन”
  • 2011 में “मिले ना मिले हम”
  • 2010में “नो प्रॉब्लम”
  • 2009 में “वादा रहा”
  • 2011 में “रास्कल”
  • 2011मे ही “डबल धमाल”
  • 2013 में “रज्जो”
  • 2012 में “तेज”
  • 2010 में “नॉकआउट” इन फिल्मों में काम किया है।

कंगना की जिंदगी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है सपने जो भी हो, लेकिन उनको पूरा करने के लिए दिल जिद्दी होना चाहिए।