Akshay Kumar biography in hindi – मुंबई में रोज करीब 20000 नए लोग आते हैं। जिनमें ज्यादातर फिल्मी दुनिया को अपना ख्वाब बना कर आते हैं। पूरे साल में लाखों लोग हीरो बनने का सपना संजोए मुंबई में प्रवेश करते हैं लेकिन उनमें से कुछ गिने-चुने व्यक्ति ही सफल हो पाते हैं। अक्षय कुमार जिन्होंने जीवन में कभी भी यह नहीं सोचा था कि वह एक्टिंग करेंगे और इस फिल्म इंडस्ट्री में एक स्टार बनेंगे। लेकिन अगर कोई व्यक्ति मेहनत और ईमानदारी से अपना काम कर रहा हो तो, ऊपर वाला भी उसके साथ गलत नहीं होने देता।
अक्षय कुमार का जन्म 9 सितंबर 1967 को अमृतसर पंजाब में हुआ। अक्षय कुमार ने अपनी स्कूल की पढ़ाई “DON BOSCOHIGH SCHOOL” से की उसके बाद उन्होंने “गुरु नानक खालसा कॉलेज” में बैचलर्स की डिग्री लेने के लिए दाखिला लिया।
अक्षय कुमार का वास्तविक नाम राजीव भाटिया है। अक्षय का बचपन दिल्ली के चांदनी चौक की गलियों में बीता। उनका मन ज्यादा पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता था। इसी वजह से उन्होंने 12 वी के बाद पढ़ाई छोड़ दी और अपने खर्च के लिए छोटे-मोटे काम करने लगे। अक्षय को बचपन से ही स्पोर्ट्स का काफी शौक था। इसीलिए वह मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने के लिए बैंकॉक चले गए और वहां अपने खर्च को चलाने के लिए उन्होंने शेफ की नौकरी भी की। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे-छोटे काम भी किए।
अक्षय के पिता ने अक्षय को बैंकॉक भेजने के लिए ₹18000 का लोन भी लिया था। बैंकॉक में अक्षय कुमार मार्शल आर्ट सीखते थे और वही part time वेटर भी जॉब किया करते थे। अक्षय कुमार जब बैंकॉक से वापस भारत आए तो उन्होंने बच्चों को मार्शल आर्ट सिखाना शुरू कर दिया। अक्षय कुमार के पिता हमेशा बचपन में अक्षय से पूछते थे कि तुम बड़े होकर क्या बनोगे अक्षय हमेशा जवाब देते थे कि मैं बड़ा होकर हीरो बनूंगा।
उसके बाद वहां से वह कोलकाता आ गए और वहां उन्होंने एक “ट्रेवल एजेंसी” में भी काम किया। बाद में वह कोलकाता से मुंबई पहुंचे, जहां वह कुंदन के गहने बेचने लगे जो कि वह दिल्ली से लाया करते थे। अक्षय कुमार अभी तक बिना किसी लक्ष्य के काम कर रहे थे। उन्होंने यह सोच लिया था कि उन्हें अपने मेहनत के बल पर पैसे कमाना है चाहे वह काम छोटा हो या बड़ा। अक्षय कुमार मुंबई में कुंदन के गहने बेचने के साथ ही साथ, शाम को कुछ बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे दिया करते थे। उन्हीं बच्चों में से उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था उसने उन्हें मॉडलिंग करने की सलाह दी और मॉडल प्रोजेक्ट के लिए उनका नाम दे दिया। उनकी पर्सनालिटी को देखते हुए उन्हें सेलेक्ट भी कर लिया गया। जिसके बाद उन्होंने 2 दिनों में अपना modelling suit पूरा किया जिसके उन्हें ₹20000 मिले। अक्षय कुमार ने सोचा कि मैं पूरे महीने काम करने के बाद मुश्किल से ₹5000 कमा पाता हूं और यहां 2 दिन AC कमरे में बिठाकर बिना किसी मेहनत के मुझे ₹20000 दिए गए। तभी उन्होंने निश्चय कर लिया कि कुछ भी करके मुझे इसी काम में अपना भविष्य बनाना है। उसके बाद वह छोटी-छोटी मॉडलिंग करते रहे।
अक्षय कुमार बताते हैं कि एक बार उन्हें मॉडलिंग के सिलसिले में बेंगलुरु जाना था। उस दिन सुबह उठने के बाद जब अक्षय कुमार व्यायाम कर रहे थे, तभी फोन आता है कि आप बहुत ज्यादा लेट होने के कारण अपनी फ्लाइट मिस कर चुके हैं। जब तक वो कुछ बोलते तब तक फोन कट चुका था। उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उनके साथ क्या हुआ है । फिर बाद में उन्हें पता चला कि जिस फ्लाइट से उन्हें बेंगलुरु जाना था, उस फ्लाइट का समय सुबह का 7:00 बजे था लेकिन वह इसे शाम का 7:00 बजे समझ रहे थे और इसी कारण उनके हाथ से एक बड़ा प्रोजेक्ट निकल गया। वह बहुत निराश हुए। परंतु उनके पिता ने उन्हें समझाया कि बेटा जो भी कुछ होता है वो अच्छे के लिए होता है।
उसी दिन शाम को वह अपना पोर्ट फोलियो लेकर “नटराज स्टूडियो” चले गए। जहां प्रमोद जी के यहां काम करने वाला एक मेकअप आर्टिस्ट उन्हें मिला और उसने अक्षय कुमार का पोर्टफोलियो लेकर “प्रमोद जी” को दिखाया। प्रमोद जी को अक्षय के फोटोस बहुत अच्छे लगे। फिर उन्होंने अक्षय को अंदर बुलाया और पूछा कि क्या तुम मेरे लिए फिल्म में एक छोटा सा काम करोगे? अक्षय ने तुरंत हां कर दी। प्रमोद जी ने तुरंत अक्षय कुमार को ₹5000 का साइन करने के लिए रकम दी और उन्हें अपनी फिल्म में ले लिया। इसी बात को याद करते हुए अक्षय कई बाार कहते हुए दिख जाते हैं कि “हम असल में कुछ खास नहीं करते हैं क्योंकि ऊपर वाला ही सबसे बड़ा स्क्रिप्टराइटर है कभी-कभी तो वो कमाल कर देता है ।” अगर आज वह उस मॉडलिंग प्रोजेक्ट के लिए उनकी फ्लाइट नहीं छूटती तो उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका शायद नहीं मिलता।
फिर उन्होंने 1990 में अपनी एक्टिंग को और अच्छा करने के लिए एक्टिंग कोर्स भी किया जिसके बाद उन्हें एक फिल्म “आज के लिए” में एक छोटा सा ऑफर मिला था। जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका किरदार सिर्फ 7 सेकंड का था। उस फिल्म में हीरो का नाम “अक्षय” था और उसी वक्त राजीव भाटिया को यह नाम बहुत पसंद आया और उन्होंने अपना नाम बदलकर उस फिल्म के हीरो के नाम पर “अक्षय” रख लिया। इस तरह राजीव भाटिया अक्षय कुमार बन गए। अक्षय कुमार Taekwando में “ब्लैक बेल्ट” भी रह चुके हैं। अक्षय कुमार पेशे से एक डायरेक्टर, एक्टर, प्रोड्यूसर और मॉडल है।
1991 की फिल्म “सौगंध के साथी” अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में अपने लीड रोल की शुरुआत की। फिर बाद में 1992 में उन्होंने एक सफल फिल्म “खिलाड़ी” में अभिनय किया। बस फिर उसके बाद से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। और 22 या 23 सालों के अंदर ही अंदर उन्होंने लगभग 130 से ज्यादा फिल्में कर ली और आज वह बॉलीवुड के स्टार है ।
अक्षय कुमार को कई सारे “IIFA Filmfare” “Zee cinema award” मिल चुके हैं। इसके अलावा 2009 में अक्षय कुमार को “पद्मश्री अवार्ड” से भी नवाजा गया था। अक्षय कुमार के पिता का नाम “हरी ओम भाटिया” और मां का नाम “अरुणा भाटिया” है। अक्षय कुमार की बहन का नाम “अलका भाटिया” है। अक्षय कुमार की पत्नी का नाम “ट्विंकल खन्ना” और बेटे का नाम “आरव कुमार” और बेटी का नाम “नेत्रा कुमार” है।
अपने परिश्रम और लगन से अपना काम करते रहना चाहिए क्योंकि परिश्रमी व्यक्ति को ऊपर वाला कभी निराश नहीं करता। उसका फल वह देर से ही सही, लेकिन देता जरूर है।