Albert Einstein 32 thoughts in hindi – “जीनियस” शब्द सुनते ही हमें दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन याद आते हैं। यह दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाते है। 14 मार्च को इनका जन्मदिन “Genius Day” के रूप में मनाया जाता है। आइंस्टीन के बारे में 32 हैरान कर देने वाली बातें है(Albert Einstein 32 thoughts in hindi)–
- जिस समय महान वैज्ञानिक “गैलीलियो गैलीली” की मृत्यु हुई , उसी साल सर “इसाक न्यूटन” का जन्म हुआ था और जिस समय महान वैज्ञानिक “मैक्सवेल” की मृत्यु हुई थी उसी समय “अल्बर्ट आइंस्टीन“(Albert Einstein) का जन्म हुआ था।
- 14 मार्च 1951 को आइंस्टीन के 72 वें जन्मदिन पर फोटोग्राफर ने उनको मुस्कुराने के लिए कहा, लेकिन आइंस्टीन ने हंसने के बजाय जीभ बाहर निकाल दी। इस तस्वीर पर इस महान वैज्ञानिक के हस्ताक्षर भी हैं और यह एक फोटो 8000000 में बिकी थी।
- आईसी ने अंतिम सांस लेते समय कुछ शब्द जर्मन भाषा में कहे थे। जो व्यक्ति उस समय उनके पास मौजूद था वह जर्मन भाषा नहीं जानता था इस कारण उनके अंतिम शब्द राज बनकर दफन हो गए।
- आइंस्टीन की सफलता का राज पूछने युवक उनके पास आते थे। एक बार एक युवक उनसे कहने लगा कि आपका दुनिया में इतना नाम है। आपकी तारीफ होती है। हमें बताइए कि इस महान बनने का मूल मंत्र क्या है आइंस्टीन ने कहा “लगन”।
- जीनियस होते हुए भी इस महान वैज्ञानिक की याददाश्त कमजोर थी। नाम, तारीख और फोन नंबर याद नहीं रखते थे। एक बार किसी से उनका फोन नंबर पूछा तो डायरेक्टरी में ढूंढने लगे। उनका कहना था ऐसी चीज को मैं क्यों याद रखो जो किताब में ढूंढने से मिल जाती है
- एक बार आइंस्टीन ट्रेन से सफर कर रहे थे। टिकट चेकर ने उनसे टिकट मांगा तो वह टिकट, कभी जेब में और कभी सूटकेस में ढूंढने लगे। T T उनको जानता था उसने कहा यदि आप का टिकट कहीं खो गया है तो कोई बात नहीं मुझे पता है आपने टिकट खरीदा होगा। ऐसा कहकर T T अगले यात्री के पास चला गया लेकिन आइंस्टीन फिर भी अपना टिकट ढूंढते रहे तो T T वापस आया और उसने कहा परेशान ना हो मुझे पता है आपने टिकट लिया है। परंतु आइंस्टीन बोले कि मुझे पता कैसे चलेगा कि मैं कहां जा रहा हूं।
- आइंस्टीन अपने “Theory of Relativity” की वजह से पूरी दुनिया में जाने जाते हैं लेकिन 1921 में उन्हें नोबेल प्राइज “Theory of Relativity” की वजह से नहीं बल्कि “Photo Electric” की खोज के लिए दिया गया था।
- आइंस्टीन के सिद्धांत बेहद मुश्किल है। उस समय कम लोग ही ऐसे थे जो उनके सिद्धांतों को समझ पाए थे एक बार किसी ने आइंस्टीन की पत्नी से पूछा कि क्या आप आइंस्टीन की थ्योरी को समझती है “नहीं” उन्होंने बड़े आदर से जवाब दिया लेकिन मैं अपने पति को समझती हूं। उन पर भरोसा किया जा सकता है।
- आइंस्टीन को बाल कटवाना पसंद नहीं था। आइंस्टीन उनके बाल हमेशा बिना कंघी किए होते थे। आइंस्टीन के बिना कंघी किए बालों का तरीका “Genius Hair Style” के रूप में देखा जाता है।
- इतने बड़े वैज्ञानिक होने के बाद भी वह कार चलाना नहीं जानते थे और समुद्री यात्रा उन्हें बहुत पसंद थी परंतु उन्हें तैरना नहीं आता था।
- आइंस्टीन को जुराबे पहनना बिल्कुल पसंद नहीं था बचपन की बातें बताते हुए आइंस्टीन बोले कि मेरे पैरों की उंगलियां इतनी बड़ी है कि हमेशा जुराबे फट जाती थी।
- आइंस्टीन को बचपन में मंदबुद्धि माना जाता था। उनके अध्यापक ने तो यहां तक कह दिया था कि यह लड़का दुनिया में कुछ भी नहीं कर सकता जबकि वह महान वैज्ञानिक बने।
- एक बार एक प्रोफेसर ने आइंस्टीन को “Lazy Dog” कह दिया था वह पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नहीं थे। उनका पसंदीदा विषय गणित था।
- जब यह पैदा हुए तो उनका सिर और बच्चों की तुलना में बहुत बड़ा था। डॉक्टर ने उन्हें मानसिक तौर पर विकलांग कह दिया था।
- 4 साल की उम्र तक आइंस्टीन कुछ भी बोल नहीं पाते थे। एक बार अपने माता-पिता के साथ खाना खाने गए तो वहां उन्होंने पहली बार बोला “सूप कितना गर्म है” उनकी आवाज सुनकर उनके माता-पिता हैरान रह गए।
- जब आइंस्टीन 5 वर्ष के थे तब साइंस में उन्हें रुचि हुई उनके माता-पिता ने उन्हें “Compass” ला कर दिया तो वह इस बात से हैरान थे कि कौन सी शक्ति “Needle” को एक “Point” पर रखती है। बस यहीं से उनके अंदर साइंस के प्रति रुचि पैदा हो गई थी।
- अमेरिका की मैगजीन “Time” ने 1999 में आइंस्टीन को “Person of the Century” 20 सदी के सबसे महान व्यक्ति करार दिया था।
- साल 1952 में आइंस्टीन को इजरायल का राष्ट्रपति बनने का निमंत्रण आया था लेकिन उन्होंने इससे यह कहकर मना कर दिया कि वे राजनीति के लिए नहीं बने हैं, साइंस के लिए बने हैं।
- आइंस्टीन के पसंदीदा वैज्ञानिक “गैलीलियो गैली” थे।
- पशु पक्षियों से उन्हें बेहद लगाव था घर में उन्होंने एक बिल्ली पाल रखी थी जो बारिश के मौसम में हमेशा उदास रहा करती थी वह कहते थे कि मैं जानता हूं कि तुम्हारे साथ गलत हो रहा है पर मैं नहीं जानता कि बारिश को कैसे रोकू।
- आइंस्टीन को सिगार पीना बहुत पसंद था। एक बार जल यात्रा के दौरान वे जल में गिर गए और पूरी तरह से भीग भी गए, इस दौरान भी उन्होंने पाइप को बचा कर रखा।
- आइंस्टीन ने परमाणु बम का आविष्कार नहीं किया पर उसे बनाने में उन्हीं के सूत्रों का अहम रोल था। बाद में उन्हें दुख हुआ कि उनके द्वारा दिए सूत्र पूरी मानवता को खत्म कर सकते हैं।
- आइंस्टीन युद्ध को बेहद खतरनाक मानते थे। एक बार उनसे प्रश्न पूछा गया कि तीसरे विश्व युद्ध किस तरह के हथियारों से लड़ा जाएगा, तो उन्होंने कहा यह तो मैं नहीं कह सकता मगर इतना जरूर कह सकता हूं कि चौथा विश्व युद्ध पत्थरों से लड़ा जाएगा क्योंकि तीसरे विश्व युद्ध से यह उन्नत सभ्यता नष्ट हो जाएगी और मनुष्य Stone age में चला जाएगा।
- जब लोग उनसे प्रयोगशाला के बारे में पूछते थे तो वह सिर की तरफ देख कर मुस्कुरा देते थे और जब सबसे जरूरी उपकरण के बारे में पूछते थे तो वह उनको अपना पैन दिखा देते थे। उनका दिमाग उनकी “प्रयोगशाला” थी और पेन उनका “उपकरण “था।
- वह ध्यान पूर्वक काम करने के लिए अपने आराम में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते थे इसलिए पूरे 10 घंटे की नींद लिया करते थे जिससे अच्छे से काम कर सके।
- आइंस्टीन अपने ऑटोग्राफ के लिए $5 और भाषण के लिए $1000 लेते थे बाद में यह सब दान में दे देते थे।
- California Institute of Technology ने आइंस्टीन को पत्नी सहित एक कार्यक्रम में बुलाया वहां वह अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और उनकी पत्नी ने वहां एक वेधशाला देखी जहां दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन रखी थी इतनी बड़ी दूरबीन देखकर आइंस्टीन की पत्नी ने इंचार्ज से पूछा -इतनी बड़ी दूरबीन से आप क्या देखते हैं? इंचार्ज को लगा कि आइंस्टीन की पत्नी को एस्ट्रोनॉमी का ज्ञान कुछ कम है उसने बड़े रौब से जवाब दिया – इससे इससे हम ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाते हैं। आइंस्टीन की पत्नी ने कहा बड़ी अजीब बात है मेरे पति तो यह सब उनको मिली चिट्ठी के पन्नों पर ही कर लेते हैं।
- जब आइंस्टीन प्रोफेसर थे तब एक विद्यार्थी उनके पास आया और बोला- इस साल के परीक्षा में जो प्रश्न आए हैं जो पिछले साल के परीक्षा में आए थे। आइंस्टीन ने कहा “इस साल उत्तर बदल गए हैं।”
- आइंस्टीन ने अपने मृत्यु से एक वर्ष पहले एक पत्र लिखा जिसमें ईश्वर व धर्म को लेकर अपने विचार लिखे थे। जो कि ₹203800000 में बिका। पत्र में कहते हैं– मेरे लिए भगवान कुछ भी नहीं बल्कि लोगों की कमजोरी से पैदा हुआ एक शब्द है, बाइबल आदरणीय तो है लेकिन प्राचीन कहानियों का संग्रह मात्र है।
- आइंस्टीन की मृत्यु के बाद डॉक्टर हार्वे ने आइंस्टीन की परिवार की इजाजत के बिना ही उनके दिमाग को रिसर्च के लिए निकाल लिया था। इस हरकत के लिए डॉक्टर हार्वे को नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि वह केवल आइंस्टीन के दिमाग पर रिसर्च करेंगे। आइंस्टीन के दिमाग को 20 वर्ष तक एक जार में रखा गया और पाया गया कि उनके दिमाग में आम इंसान से ज्यादा “सेल्स” थे। यही वजह थी कि उनका दिमाग असाधारण सोचता था।
- आइंस्टीन चाहते तो और भी जी सकते थे। अपने आखिरी समय में जब वह बीमार हुए तो डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन करना चाहा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि अब जिंदगी को, मशीनों के सहारे चलाना बेकार है मैं अपनी जिंदगी जी चुका हूं, अप्राकृतिक जिंदगी जीने में कोई मजा नहीं है।
- आइंस्टीन ने कहा कि अगर मेरी Theory सही साबित हो जाती है तो जर्मन मुझे “आदर्श जर्मन नागरिक” कहेंगे और फ्रांस मुझे “विश्व नागरिक” का सम्मान देंगे, लेकिन अगर गलत साबित होती है तो फ्रांस मुझे “जर्मन” कहेंगे और जर्मन मुझे “यहूदी” कहेंगे।
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