//Boman Irani – Indian Actor and Voice Artist / बोमन ईरानी
Boman Irani biography in hindi

Boman Irani – Indian Actor and Voice Artist / बोमन ईरानी

Boman Irani biography in hindi – “इरादा मजबूत हो तो, सब कुछ हासिल किया जा सकता है। उम्र मायने नहीं रखती सिर्फ जज्बा मायने रखता है। अगर आपकी मेहनत व लगन सच्ची हो तो कामयाबी मिलेगी ही मिलेगी।”

शुरुआत की कभी कोई उम्र नहीं होती। कुछ ऐसा ही फलसफा बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर बोमन ईरानी का रहा है । जिनकी जिंदगी का ज्यादातर समय संघर्ष में बीता। बोमन ईरानी का जन्म उनके पिता की मृत्यु के बाद हुआ। आगे चलकर बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी आई तो बोमन ईरानी ने अलग-अलग तरह के बहुत सारे काम किए। लेकिन उन्हें असली सफलता लगभग 44 साल की उम्र में जाकर मिली। “मुन्ना भाई एमबीबीएस”, “3इडियट” और “पीके” जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग के जलवे बिखेर चुके बोमन ईरानी की जिंदगी काफी संघर्ष भरी रही।

बोमन ईरानी का जन्म 2 दिसंबर 1959 को मुंबई में हुआ था। उनके जन्म से 3 महीने पहले ही उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी और इसलिए मां-बाप दोनों की जिम्मेदारी उनकी मां ने निभाई। बोमन ईरानी ने पुणे के “सेंट मैरी स्कूल” से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। यहां पर भी सब से पिछड़े बच्चों में गिने जाते थे क्योंकि बचपन में बहुत तुतला कर बोलते थे। उन्हें “Dyslexic” नाम की एक बीमारी थी जिसमें बच्चों को शब्दों को पहचानने में दिक्कत होती है और कुछ शब्दों का उच्चारण भी वह सही से नहीं कर पाते थे। इलाज के बाद बोमन ने इस बीमारी से निजात पा ली थी।

स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई के “मीठीबाई कॉलेज” से वेटर बनने के लिए कोर्स भी किया। कोर्स पूरा हो जाने के बाद वे “ताजमहल पैलेस एंड टॉवर” नाम की एक होटल में वेटर और रूम सर्विस स्टाफ के तौर पर काम करने लगे। इसके अलावा उन्होंने एक “फ्रांसीसी रेस्टोरेंट” में भी काम किया और 2 साल काम करने के बाद वापस घर आए और अपनी पुश्तैनी बेकरी शॉप चलाने लगे। जिस बेकरी को पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां चलाती थी। यह बेकरी शॉप मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में नोवेल्टी और अप्सरा सिनेमा के बीच में थी। बामन को फिल्मों का भी खूब शौक था। इसलिए वह पास के सिनेमा में फिल्म देखने निकल लिया करते थे

बामन ने करीब 32 साल की उम्र तक अपना छोटा सा बेकरी शॉप चलाया, लेकिन इस बिजनेस से उनके घर का सिर्फ खर्चे ही चल पाता था। अब तक बोमन की उम्र करीब 32 साल हो चुकी थी और उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे कि लोगों में उनकी पहचान बन सके और यह बात उनके दिमाग में खटक रही थी। उन्होंने कुछ नया, कुछ बड़ा करने की सोची और फिर उन्होंने अपने पैशन को ध्यान में रखते हुए बेकरी शॉप के साथ-साथ फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया।

उन्होंने 1985 में “Pentax k 100 मॉडल” का कैमरा खरीदा जिसकी कीमत उस समय करीब ₹2700 थी। फिर वह स्कूल में जा जाकर बच्चों के क्रिकेट और फुटबॉल खेलते समय के फोटो खींचते थे जिसे वह 20 या ₹30 में बेच दिया करते थे। इस तरह से छोटे-छोटे बहुत से इवेंट्स में भी, उन्होंने फोटोग्राफी करनी शुरू कर दी ।

1991 में उन्होंने “वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप” में भी फोटोग्राफी की और इसके लिए उन्हें अच्छे खासे पैसे भी मिले। लेकिन बोमन को फिल्मों का शौक तो शुरू से ही था। और एक एक्टर बनने के लिए उन्होंने 1981 से 1983 तक एक्टर कोच “हंसराज सिद्दीकी” से ट्रेनिंग ली थी। फिर अपने शौक को पूरा करने के लिए बोमन ने बहुत सारे थिएटर में भी काम करना शुरू किया। जिसमें से “आई एम नॉट ए बाजीराव” नाम का शो बहुत प्रसिद्ध हुआ था। आगे चलकर बोमन ने Fanta, CEAT, Krackjack जैसे बहुत सारे विज्ञापनों में भी काम किया।

विनोद चोपड़ा ने उनके हुनर को पहचाना फिर उन्होंने बोमन को बुलाकर ₹200000 का चेक देते हुए उन्हें अपनी अगली फिल्म के लिए साइन कर लिया। बोमन पहली बार बॉलीवुड की फिल्म “मुन्ना भाई एमबीबीएस” में नजर आए जिसे राजकुमार ईरानी ने डायरेक्ट किया था और यह फिल्म एक डायरेक्टर के तौर पर राजकुमार ईरानी की भी डेब्यु फिल्म थी। इस फिल्म के प्रड्यूसर विनोद चोपड़ा थे। इस फिल्म में उनके द्वारा निभाए गए किरदार की लोगों ने जमकर तारीफ की और बस यही से बोमन ईरानी की सफलता शुरू हो गई। फिर आगे भी उन्होंने मैं हूं ना, लगे रहो मुन्ना भाई, खोसला का घोसला, नो एंट्री, डॉन और पीके जैसी बहुत सारी फिल्मों में काम किया।

रूम सर्विस, बेटर और छोटी सी बेकरी शॉप चलाने वाले इस शख्स को आज उनकी एक्टिंग के लिए सभी लोग जानते और पहचानते हैं। बोमन ईरानी को फोटोग्राफर कहा जाए या रंगमंच का कलाकार, इनके हर रंग में सिल्वर स्क्रीन को चमका दिया है।