//Charlie Chaplin – English Comic Actor, Filmmaker, and Composer / चार्ली चैप्लिन
चार्ली चैप्लिन जीवनी - Charlie Chaplin biography in hindi

Charlie Chaplin – English Comic Actor, Filmmaker, and Composer / चार्ली चैप्लिन

चार्ली चैप्लिन जीवनी – Charlie Chaplin biography in hindi – एक बार महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन चार्ली चैपलिन से मिले। उन्होंने चार्ली चैपलिन से कहा कि

“मैं आपका और आपके अंदाज का मुरीद हो गया हूं आप मुंह से एक शब्द तक नहीं कहते, पर फिर भी पूरी दुनिया आपको समझ जाती है।  चार्ली चैपलिन ने  जवाब दिया यह बात सच है लेकिन मैं इस बात से हैरान हूं कि आप अपने सिद्धांतों  के बारे में कितना कुछ कहते हैं और सब आपकी तारीफ भी करते हैं, पर फिर भी किसी की समझ में कुछ नहीं आता कि आप कहना क्या चाहते हैं।”

चार्ली चैप्लिन (Charlie Chaplin) दुनिया के सबसे मशहूर कॉमेडियन बने। जिन्होंने बिना कुछ कहे अपने अभिनय और अपनी  कॉमेडी से मनोरंजन की  दुनिया में ऐसी चमक बिखेरी, जो शायद कभी नहीं मिटेगी। बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके  मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे कितना दर्द छुपा है। उनका जीवन कितना संघर्ष पूर्ण तरीके से बीता। गरीबी व बदहाली की भट्टी में पककर वह ऐसा सोना बने जिस की चमक ने करोड़ों  लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरी है।

चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) का जन्म 16 अप्रैल 1869 को लंदन में हुआ था।  इनके पिता  “चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन” और मां “हीना चैपलिन” सीनियर म्यूजिक हॉल में सिंगर और जूनियर आर्टिस्ट थे।  चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) का जीवन बहुत ही मुश्किल से गुजरा।  एक बार चार्ली की मां स्टेज पर गाना गा रही थी तभी उनकी आवाज बंद हो गई और  वहां के दर्शक हंगामा करने लगे और स्टेज पर जूते चप्पल फेंकने लगे। अपनी मां को बचाने के लिए 5 वर्ष के चार्ली चैपलिन स्टेज पर आ गए और उन्होंने अपनी भोली आवाज में  मां के गाने की नकल की।  जिसमे दर्शकों को काफी मजा आने लगा, दर्शकों ने उन्हें उसे बहुत सराहा और स्टेज पर सिक्कों की बारिश होने लगी। 5 वर्ष की उम्र में  चार्ली की यह  पहली कमाई थी। तभी से चार्ली ने यह गांठ बांध ली कि वह मनोरंजन की दुनिया में ही अपनी किस्मत आजमाएंगे। जिंदगी में जो गरीबी उनके दुख का कारण थी,  वही स्टेज पर लोगों को कॉमेडी लगती है।  यही वजह थी कि आगे जाकर चार्ली की फिल्मों में दुख, गरीबी, अकेलेपन और  बेरोजगारी को उन्होंने कॉमेडी के रूप में प्रस्तुत किया।

इसके कुछ दिनों बाद चार्ली चैपलिन  के माता-पिता तलाक लेकर अलग हो गए।  चार्ली को अपनी मां व भाई के साथ एक अनाथालय में रहना पड़ा क्योंकि उसकी मां के पास कोई रोजगार नहीं था। उसके बाद उनकी मां एक मानसिक रोगी बनकर पागल हो गई। जिसके बाद कोर्ट ने चार्ली  व उसके भाई को पिता के साथ रहने का आदेश दे दिया।  पिता ने दूसरी शादी कर ली थी और सौतेली मां ने चार्ली  व उसके भाई पर अनेकों अत्याचार किए।
 इसके कुछ दिन बाद जब उनकी मां पागल खाने से ठीक हो कर वापिस आई तो उनके जीवन में खुशियां वापस लौटने लगी। परंतु उनका का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। वह एक अभिनेता बनना चाहते थे। वह पैसे कमाने के लिए स्टेज शो करते और अपनी रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए छोटा  मोटा काम भी करने लगे।

उनके जीवन का लक्ष्य एक अभिनेता बनना था। वह  नियमित रूप से “Black Theater” जाने लगे। एक बार वह स्टेज शो  कर रहे थे  तभी एक डायरेक्टर  की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने चार्ली चैपलिन की अभूतपूर्व क्षमता को उसी समय पहचान लिया। उस डायरेक्टर के माध्यम से चार्ली चैपलिन की मुलाकात “E- Hamelton” से हुई। Hamelton ने चार्ली को नाटक में रोल दे दिया। चार्ली को पढ़ना नहीं आता था तो उन्होंने डायलॉग को रटना शुरू कर दिया। यहां चार्ली ने खूब शोहरत कमाई लेकिन फिर भी चार्ली का जीवन गर्दिशों से भरा रहा।
 चार्ली 5 फुट 5 इंच के दुबले-पतले इंसान थे। जो लोगों को अपने एक्टिंग से गरीबी में भी खुश मिजाजी भरा जीवन जीने की प्रेरणा देते थे।
इतिहास गवाह है कि दुनिया विश्वयुद्ध व आर्थिक मंदी की तबाही के दौर से गुजर रहा था। चारों तरफ तानाशाहो का आतंक था। ऐसे में उनसे लड़ने के लिए चाली ने कॉमेडी का सहारा लिया। चार्ली के जीवन मे ऐसा दौर भी आया कि जब वह इंटरव्यू में वामपंथियों का पक्ष लेते हुए भी दिखे, जिसके बाद मीडिया ने चार्ली पर रूसी एजेंट होने का आरोप लगाया।

 10 सालों तक अमेरिकी सरकार व मीडिया, चार्ली चैपलिन के लिए आफत बनी रही। 1952 मे चार्ली चैप्लिन की फिल्म “Lime Lite” रिलीज हुई लेकिन अमेरिका मे उस फिल्म को “Bann” बंद कर दिया गया। चार्ली चैपलिन को अमेरिका से बहुत लगाव था और यहीं पर उन्होंने अपनी पहली शादी “ओना ओनिल” से की थी। लेकिन अमेरिका की बेरुखी से वह अंदर तक टूट चुके थे। उन्होंने अपनी और अपनी पत्नी की नागरिकता अमेरिका को वापस लौटा दी और स्विजरलैंड आकर बस गए। यहां पर चार्ली चैपलिन की मुलाकात जवाहरलाल  नेहरू व उनकी बेटी इंदिरा गांधी से भी हुई थी।

चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) ने  अपनी आत्मकथा में लिखा है कि वह महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रेरित हुए हैं। एक बार चार्ली चैपलिन ने  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान गांधी जी से मिलने की इच्छा जाहिर की। संयोग से उस समय गांधी जी “गोलमेज सम्मेलन” के लिए लंदन आए हुए थे। जहां चार्ली चैप्लिन की मुलाकात गांधी जी से बहुत ही रोमांचक ढंग से हुई।  गांधीजी एक झुग्गी वाले इलाके में डेरा डाले हुए थे। जहां चार्ली चैपलिन स्वयं गांधी से मिलने चले गए। चार्ली ने भारत की आजादी पर हो रहे आंदोलनों पर अपना नैतिक समर्थन दिया।

चार्ली चैप्लिन  को अपने अभिनय में  कॉमेडी के लिए अनेकों अवॉर्ड्स मिले –

  1.  1940 में “The Great Dictator” के लिए The Best Actor
  2.  1952 मैं उनकी फिल्म Lime Lite में, म्यूजिक के लिए “Oscar Award” जीता ।

चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) की प्रसिद्धि इतनी है कि उनसे 1995 में ऑस्कर अवॉर्ड (Oscar Award) के दौरान, एक अखबार ने एक सर्वे किया था, जो यह जानना चाहता था कि दर्शकों का पसंदीदा अभिनेता कौन है? चार्ली चैपलिन अधिकतर लोगों की पसंद थे। आज भी वह सभी के दिलों में बसते हैं। उनके अभिनय से आज की पीढ़ी भी सीख ले रहे रही है और आज भी कई अभिनेता उनकी एक्टिंग की नकल करते हैं। माइकल जैक्सन ने चार्ली चैपलिन के लिए कहा था कि वह उनके जैसा बनना चाहते हैं। उनका जीवन एक ऐसी कहानी है जो दुख, दर्द और आंसुओं के साए में भी खुशियों से हंसना सिखाती है।
 1977 को जब दुनिया 25 दिसंबर को “Jesus Christ” का जन्मदिन मना रही थी, उसी दिन कॉमेडी के महानायक चार्ली चैपलिन इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए। आज भले ही चार्ली चैपलिन इस दुनिया में ना हो, पर उनका अभिनय आज भी उदास चेहरों पर मुस्कुराहट ला देता है चार्ली चैप्लिन  ने कहा था –

 

“मेरा दर्द किसी के लिए हंसने की वजह हो सकता है पर मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द का कारण नहीं बननी चाहिए।”

चार्ली चैपलिन एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने सफलता की इतनी ऊंची उड़ान भरी फिर भी उनके पैर जमीन से जुड़े रहे।

 

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