//Ranveer Singh – Indian Actor / रणवीर सिंह
Ranveer Singh biography in hindi

Ranveer Singh – Indian Actor / रणवीर सिंह

Ranveer Singh biography in hindi – “तूफान में चिड़ियों के घोंसले नहीं बना करते
रोने से बिगड़े काम नहीं बना करते,
दुनिया में जीने का हौसला रखो
एक हार से कोई फकीर
और जीत से कोई सिकंदर नहीं बना करता।”

रणवीर सिंह फिल्मों में “बाजीराव” के नाम से पहचाने जाने वाले, अपने ही दम पर इतना आगे आने वाले, सपनों को बुलंदी तक पहुंचने वाले एक मेहनती इंसान है। रणवीर सिंह ने “बैंड बाजा बारात” या “बाजीराव मस्तानी” फिल्म में, अपनी गजब की एनर्जी से सबको अपना दीवाना बना दिया। शुरुआत में इन को किसी ने “पागल” बोला तो किसी ने “छिछोरा” लेकिन दूसरों की बातों की परवाह किए बिना रणवीर ने अपनी मेहनत पर भरोसा रखा और बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी। फिल्मों के बाजीराव की कहानी, बॉलीवुड में उनके संघर्ष को बताती है कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने की इच्छा हो तो वह अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखता है।

“रणवीर सिंह भवनानी” का जन्म 6 जुलाई 1985 को मुंबई के सिंधी परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम “जगजीत सिंह भवनानी” और मां का नाम “अंजू भवनानी” है। इसके अलावा उनकी एक बहन भी हैं जिन्हें “रितिका” के नाम से जाना जाता है। रणवीर के दादा-दादी पहले पाकिस्तान के कराची में रहा करते थे लेकिन बंटवारे के बाद से वह मुंबई में आकर बस गए। रणवीर सिंह बचपन से ही बहुत ही शरारती थे। एक बार वह अपने दादा दादी के साथ एक पार्टी में गए थे जहां पर उनकी दादी ने उसे डांस करने के लिए कहा और फिर दादी का बोलना था कि रणवीर बिना शर्माए हुए स्टेज पर पहुंच गए और वहां पर उन्होंने 1991 में आई “हम” फिल्म का गाना “चुम्मा चुम्मा” पर ऐसा डांस किया उनके परफॉर्मेंस को देखकर तालियों की गड़गड़ाहट पूरे हॉल में गूंज गई। किसी ने सच ही कहा है कि कलाकार भी तालियों का ही भूखा होता है। इस परफॉर्मेंस के बाद से उन्होंने एक एंटरटेनर बनने का सपना देखा परंतु उनकी दिली तमन्ना थी कि वह बड़े होकर एक एक्टर बने। इसीलिए वे स्कूल में होने वाली हर एक्टिविटी में हमेशा ही आगे रहते थे।

फिर “एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स” में एडमिशन लेने के बाद से रणवीर को यह महसूस हुआ कि फिल्मों में काम करना इतना आसान भी नहीं है। इसीलिए उन्होंने पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया उन्होंने यूनाइटेड स्टेट की “इंडियाना यूनिवर्सिटी” से “बैचलर ऑफ आर्ट” की डिग्री हासिल की। वही पर वह एक्टिंग की भी ट्रेनिंग लेते रहें और फिर पढ़ाई पूरी होने के बाद से वह 2007 में मुंबई वापस आ गए और वापस आकर उन्होंने कुछ सालों तक “o&m” और “J. Walter Thompson” जैसी एजेंसियों के लिए कॉपीराइटर के तौर पर काम किया। एक्टिंग में करियर बनाने के लिए उन्होंने आगे चलकर इन कामों को छोड़ दिया और फिर फिल्मों में एंट्री के लिए लगातार ऑडिशन देने लगे। काफी समय तक उन्हें बड़ी सफलता तो नहीं मिली लेकिन छोटे-मोटे रोल मिलने शुरू हो गए थे। इस समय को याद करते हुए रणबीर ने बताया कि वह काफी निराश हो चुके थे और उन्हें लग रहा कि वह अपनी जिंदगी में बहुत ही गलत निर्णय लेकर आगे बढ़ चुके हैं। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार कोशिश करना जारी रखा और कहा जाता है कि

“हार ना मानो तो कोशिश बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”

2010 में रणवीर सिंह को यशराज फिल्म की तरफ से “बैंड बाजा बारात” फिल्म के लिए ऑफर मिला। दरअसल रणबीर को बताया गया कि कास्टिंग डायरेक्टर उनकी ऑडिशन को देखकर काफी प्रभावित हुए और इसीलिए उन्हें इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में लीड एक्टर के तौर पर उन्हें लिया जा रहा है और इस बात को सुनकर रणवीर की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और वहीं पर वह फूट-फूट कर रोने लगे। जब रणवीर को पता चला कि इस फिल्म में उनका रोल एक टिपिकल दिल्ली बॉय का है तो वह किरदार में पूरी तरह ढलने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में वहां के विद्यार्थियों के साथ समय बिताने लगे। फिर जब फिल्म रिलीज की गई तो लोगों ने रणवीर के किरदार “बिट्टू शर्मा” को खूब सराहा और उनकी पहली ही फिल्म ने 214 मिलियन का कारोबार किया। इसके बाद से उनकी एक्टिंग को देखते हुए उन्हें लेडीज वर्सेस रिकी बहल, लुटेरा, गोलियों की रासलीला, रामलीला, बुड्ढे, दिल धड़कने दो, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत की तरह ही एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों में काम मिलता गया। अपने टैलेंट और मेहनत के दम पर आज रणवीर उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां उन्हें भारत के सबसे सफल एक्टर की गिनती में गिना जाता है। उन की लाजवाब एक्टिंग को देखते हुए उन्हें “बैंड बाजा बारात” और “बाजीराव मस्तानी” के लिए “फिल्म फेयर अवार्ड” भी मिल चुका है।

रणवीर सिंह की पत्नी का नाम “दीपिका पादुकोण” है जो कि एक सफल और मशहूर अभिनेत्री है। रणबीर ने अपने जज्बे से वह हर चीज पा ली जिसकी वह एक समय में ख्वाहिश रखते थे।