//Rohit Sharma – Indian International Cricketer / रोहित शर्मा
Rohit Sharma biography in hindi

Rohit Sharma – Indian International Cricketer / रोहित शर्मा

Rohit Sharma biography in hindi – हमारे क्रिकेट टीम ने पिछले कई वर्षों में, कई बड़े खिताब अपने नाम किए और देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। भारत की क्रिकेट की सफलता के पीछे कई महान क्रिकेटर हैं जिनमें से एक रोहित शर्मा का नाम भी है। इस खिलाड़ी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हुए हैं। जिनमें से एक किसी भी खिलाड़ी द्वारा एकODI मैच में “सबसे ज्यादा रन” बनाना है। यह रिकॉर्ड उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 264 रन बनाकर बनाया था।

भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार बल्लेबाज रोहित शर्मा जिन्हें अपने अलग अंदाज में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। रोहित शर्मा श्रीलंका के खिलाफ “दोहरा शतक”(Double Century) मारकर तीन दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। आज के समय में रोहित शर्मा अपने क्रिकेटिंग करियर में बुलंदियों पर हैं और एक के बाद एक नए कीर्तिमान स्थापित करते जा रहे। लेकिन रोहित की जिंदगी में ऐसा समय भी था कि पैसों की कमी के वजह से उन्हें अपने माता-पिता से दूर रहना पड़ा था। स्कूल में फीस भरने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे भी नहीं थे लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बलबूते उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया।

रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1987 नागपुर के “Bansod” नाम की जगह पर हुआ था। उनकी मां का नाम “पूर्णिमा शर्माऔर पिता का नाम “गुरु नाथ शर्मा” है जो कि एक ट्रांसपोर्ट फर्म की देखभाल करते थे। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी ना होने की वजह से रोहित का ज्यादातर बचपन अपने दादा दादी के यहां बीता, जो कि बोरोवली में रहते थे। और रोहित अपने मम्मी पापा से मिलने के लिए हफ्ते में कभी कभी “Dombivali” आ जाया करते थे। रोहित को क्रिकेट का शौक बचपन से ही था। वह घंटों क्रिकेट खेला करते थे उसके बाद अपने परिवार से क्रिकेट पर चर्चा करते थे। रोहित के चाचा अपने स्कूल और कॉलेज मे क्रिकेट खेल चुकेे थे और जरूरत पड़ने पर वह रोहित को सुझाव भी दिया करते थे, जिससे रोहित का रुझान क्रिकेट की तरफ बढ़ता चला गया। उनके शौक को देखते हुए उनके अंकल ने उनकी आर्थिक मदद की जिससे 1999 में रोहित शर्मा ने क्रिकेट एकेडमी में दाखिला ले लिया। जहां पर रोहित के कोच “दिनेश लड़” थे जिन्होंने क्रिकेट के प्रति रोहित का जबरदस्त लगाव देखा और उन्होंने रोहित को स्कूल बदलने की सलाह दी। उस समय “स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल” में क्रिकेट को सीखने की भी अच्छी सुविधा थी। क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने के हिसाब से देेेखा जाए तो यह स्कूल उस समय के सबसे अच्छे स्कूल में से एक था। हालांकि रोहित यहां की फीस नहीं दे सकते थे और इन्हीं परेशानियों को देखते हुए रोहित शर्मा के कोच दिनेश लड़ ने उनकी सहायता की और रोहित को स्कॉलरशिप दिलवाई। जिससे अगले 4 सालों तक उनकी फीस माफ हो गई। इस स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ रोहित के खेल में काफी निखार आया।

रोहित शर्मा अपने शुरुआती समय में “ऑफ स्पिनर” हुआ करते थे लेकिन दिनेश लड़ ने उनके हुनर को पहचानते हुए आठ नंबर पर खेलने की बजाय उनसे ओपनिंग करवाई और इस तरह से रोहित ने बतौर “ओपनर” अपने स्कूल के “क्रिकेट टूर्नामेंट” में शतक जड़ा। स्कूल के 4 सालों में रोहित ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर क्रिकेट की सभी बारीकियों को सीखा और उनकी मेहनत उनकी बैटिंग से साफ झलकने लगी थी।

रोहित शर्मा ने अपने “Domestic career” की शुरुआत “2005 Deodhar Trophy” में “वेस्ट जोन” की तरफ से खेलते हुए की। उन्होंने अपना पहला मैच “Central zone” के खिलाफ ग्वालियर में खेला था। लेकिन उनकी पहचान लोगों के बीच तब हुई, जब नॉर्थ जोन के खिलाफ उन्होंने 123 गेंदों पर शानदार 142 रनों की पारी खेली। फिर आगे भी उन्होंने “INDIA -A” के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया जिससे कि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के संभावित 30 खिलाड़ियों में शामिल कर लिया गया था। फाइनल सिलेक्शन में वह नहीं चुने जा सके। “Ranji Trophy” में उन्होंने 2006-2007 में डेब्यू किया लेकिन वहां पर उनका परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रहा। लेकिन उन्होंने गुजरात के खिलाफ 205 रनों की पारी खेली थी जो कि उनके प्रोफेशनल करियर का पहला दोहरा शतक था।

रोहित शर्मा का अंतरराष्ट्रीय करियर 2007 में शुरू हुआ, जब उन्हें आयरलैंड के खिलाफ खेले जाने वाले टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला था। उन्हें सीरीज के केवल एक मैच में ही खेलने का मौका मिला था लेकिन उसमें भी उनकी बैटिंग नहीं आई। आगे चलकर उन्होंने 2007 में ही “T20 वर्ल्ड कप” में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 40 गेंदों पर 50 रनों की पारी खेली और शायद यही उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट था। इस मैच को भारत ने जीतकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली और रोहित “मैन ऑफ द मैच” बने थे।

आगे चलकर ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाली “कॉमनवेल्थ सीरीज” में उन्होंने दो अर्धशतक लगाए लेकिन इस सीरीज के बाद उनका परफॉर्म थोड़ा सा डगमगा गया था, इस वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। शानदार “तिहरा शतक” जड़ने के बाद उनकी टीम में फिर से वापसी हुई और फिर उन्हें बांग्लादेश में खेले जाने वाले ODI के लिए चुना गया। लेकिन सुरेश रैना और कोहली के फॉर्म में होने की वजह से उन्हें 11 खिलाड़ियों में खेलने का मौका नहीं मिल सका। आगे चलकर उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ 2010 में अपना पहला शतक लगाया। अगले ही मैच में फिर से शतक जड़कर उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।

2013 में रोहित शर्मा को शिखर धवन के साथ भारतीय टीम का ओपनर बनाया गया। दोनों ने मिलकर टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में काफी मदद की। 2013 में ही ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध “दोहरा शतक” मारने वाले रोहित ने नामुमकिन सा लगने वाला कारनामा कर दिखाया। आगे भी उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दो और दोहरा शतक लगाए। रोहित शर्मा दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं जिनके नाम “ODI” क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड है। अभी हाल ही में श्रीलंका के विरुद्ध रोहित शर्मा ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से एक और कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने केवल 35 गेंदों पर 100 रन बनाकर “T20” में सबसे तेज शतक की बराबरी कर ली। रोहित शर्मा “IPL” खेलों में “मुंबई इंडियंस” टीम के कप्तान है।

रोहित शर्मा ने 2015 में अपने बचपन की दोस्त “रितिका सजदे” के साथ शादी की। रोहित शर्मा ने गरीबी की गलियों से सफलता के गलियारों तक का सफर तय किया। एक लड़का जिसका एक समय कोई भी अस्तित्व नहीं था आज वह देश के युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुका है।

“अगर जिंदगी में कुछ पाना हो
तो तरीके बदलो, इरादे नहीं।”