//Steve Jobs – American Business Magnate, Industrial Designer and Investor / स्टीव जॉब
स्टीव जॉब जीवनी - Steve Jobs biography in hindi

Steve Jobs – American Business Magnate, Industrial Designer and Investor / स्टीव जॉब

स्टीव जॉब जीवनी – Steve Jobs biography in hindi – स्टीव जॉब का कहना है—“यह बात याद रखना कि मैं बहुत जल्दी मर जाऊंगा, मुझे अपनी जिंदगी के बड़े निर्णय लेने में बहुत मददगार होते हैं क्योंकि जब मैं एक बार मौत के बारे में सोचता हूं तब सारी उम्मीद, सारा गर्व ,असफल होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई में जरूरी है।

स्टीव जॉब(Steve Jobs) ने संघर्ष के दम पर यह मुकाम हासिल किया जो कि हर किसी के बस की बात नहीं।
“Apple” कंपनी के “Co-Founder” स्टीव जॉब(Steve Jobs) को विश्व के प्रेरणादायक वक्ता के रूप में कई ऊंचा दर्जा प्राप्त है।
 
स्टीव का जन्म 24 जनवरी 1955 को कैलिफोर्निया में हुआ था। स्टीव की मां ने कालेज के दौरान ही स्टीव को जन्म दिया था और तब तक उनकी किसी से भी शादी नहीं हुई थी। तभी वह स्टीव को अपने पास रखना नहीं चाहती थी और उन्होंने स्टीव को किसी को गोद देने का फैसला कर लिया। कैलिफोर्निया में रहने वाले पॉल और कालरा जॉब्स ने स्टीव को गोद ले लिया। पॉल और कालरा मध्यम परिवार से थे और उनके पास ज्यादा पैसे भी नहीं हुआ करते थे फिर भी वह स्टीव की हर जरूरत का पूरा ध्यान रखते थे ।उन्होंने स्टीव को सबसे महंगे स्कूूल में पढ़ाया। स्टीव की प्रारंभिक शिक्षा “Monta loma school” मे हुई।
 
1972 में अपने कॉलेज की पढ़ाई के लिए स्टीव(Steve Jobs) ने “Read Collage” में दाखिला ले लिया जो कि वहां का सबसे महंगा कॉलेज था। उनके माता-पिता हर प्रयासों के बाद भी उनकी फीस नहीं भर पाते थे। स्टीव को अपने परिवार वालों की परेशानी को देख कर रहा नहीं गया और उन्होंने फीस भरने के लिए उन्होंने रविवार को कोल्ड ड्रिंक की बोतलें बेचना शुरू कर दिया। पैसे की कमी के कारण मंदिर के पास मिलने वाला मुफ्त का खाना खाने लगे और अपने होटल का किराया बचाने के लिए अपने दोस्त के कमरे में जमीन पर ही सो जाया करते थे। इतना सब करने के बाद भी फीस नहीं जुटा पाते थे। अपने मां-बाप को कड़ी मेहनत करते देख उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया ।उसके बाद वह अपना सारा समय पहले से ही सोचे व्यापार में लगाने लगे ।स्टीव ने अपने स्कूल के दोस्तों के साथ मिलकर अपने पिता के छोटे से गेराज में “Oprating System” तैयार किया और इस सॉफ्टवेयर को बेचने के लिए “Apple” नाम के कंप्यूटर का निर्माण करना चाहते थे लेकिन पैसों की कमी के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे ।उनकी यह समस्या एक मित्र “Mike Markula” ने दूर कर दी।
 
1976 मे मात्र 20 वर्ष की उम्र में उन्होंने “Apple” कंपनी की शुरुआत की ।स्टीव और उसके मित्रों की कड़ी मेहनत से, देखते ही देखते कुछ सालों में “Apple” एप्पल कंपनी एक गैराज से बढ़कर $2000000000 और 4000 कर्मचारी वाली कंपनी बन गई । लेकिन स्टील की एक उपलब्धि ज्यादा देर तक नहीं रही ।आपसी मतभेद के कारण एप्पल कंपनी की लोकप्रियता कम होने लगी और धीरे-धीरे यह कंपनी कर्ज में डूब गई । सन 1985 में Board of Directors की मीटिंग हुई और सारा दोष स्टीव जॉब्स मे मान कर उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया। यह उनके जीवन का सबसे दुखद पल था क्योंकि जिस कंपनी को उन्होंने कड़ी मेहनत से बनाया था और उसी से उन्हें निकाल दिया गया था । स्टीव जॉब्स के जाते ही कंपनी की हालत और भी बदतर होती जा रही थी।
 
एप्पल से निकलने के कुछ सालों बाद स्टीव जॉब्स ने “Pixler” और “Next ink” नामक दो कंपनी की शुरुआत की। जो कि काफी सफल रही ।एप्पल अब धीरे-धीरे टूटी जा रही थी। डायरेक्टर्स ने स्टीव जॉब्स से ,कंपनी में वापस आने की प्रार्थना की। 1996 में स्टीव ने फिर से एप्पल कंपनी ज्वाइन कर ली और Pixler को एप्पल कंपनी के साथ जोड़ दिया। स्टीव जॉब्स एप्पल के “CEO” बन गए थे।
 
जब स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) वापस एप्पल में आए, तब एप्पल में 250 प्रोडक्ट थी। उनके आने के कुछ सालों बाद ही यह प्रोडक्ट की संख्या घटकर 10 हो गई और इन प्रोडक्ट्स पर उन्होंने ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया। उनका मानना था कि प्रोडक्ट्स की मात्रा में नहीं क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए।
सन 1898 में उन्होंने I-watch को बाजार में लांच किया जो कि काफी लोकप्रिय हुआ। उसके बाद एप्पल ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर I-Pad और I-Phone भी लॉन्च किए ।
 
5 अक्टूबर 2011 को Pancreatic Cancer के कारण कैलिफ़ोर्निया में स्टीव जॉब्स का निधन हो गया। लेकिन आज भी उनकी लोकप्रियता पहले की तरह बरकरार है। स्टीव जॉब्स का कहना है —
जो लोग इस बात को पागलों की तरह सोचते हैं कि वह दुनिया बदल सकते हैं सच में वही वह दुनिया को बदलते हैं।
 
 

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