विजय देवरकोंडा जीवनी Vijay Deverakonda biography in hindi – विजय देवरकोंडा ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग के दम पर साउथ सिनेमा में ही नहीं अपितु पूरे देश में नाम कमा लिया है। आज विजय की हर फिल्म के रिलीज होने से पहले लोगों में जिज्ञासा रहती है। विजय को इस मुकाम पर पहुंचाने का काम उनकी फिल्म अर्जुन रेड्डी, गीता गोविंदम और डियर कॉमरेड ने सबसे ज्यादा किया है। इसके अलावा विजय की एक फिल्म “पेलीचुपुलु” को “नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म इन तेलुगू” और “फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट फिल्म” भी चुना जा चुका है। विजय ने इस कामयाबी को पाने के लिए बहुत कड़ा संघर्ष और मेहनत की है।
विजय का जन्म 9 मई 1989 में “अचंपट” तेलंगाना में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम “गोवर्धन राव” और मां का नाम “माधुरी” है। विजय का जन्म अचंपट में हुआ था पर कुछ समय बाद ही वह और उनका परिवार हैदराबाद रहने लगे। विजय के परिवार में माता-पिता के अलावा उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम “आनंद देवरकोंडा” है। आनंद भी एक एक्टर हैं और कुछ तेलुगू फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं।
विजय देवरकोंडा का बचपन दूसरे बच्चों से अलग रहा। उनकी दसवीं तक की स्कूली पढ़ाई “सत्य साईं हाई सेकेंडरी स्कूल” अनंतपुर से हुई जो कि एक बोर्डिंग स्कूल था। वह अपने मां बाप को छोड़कर बोर्डिंग स्कूल में नहीं जाना चाहते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बोर्डिंग स्कूल में रहना मेरे लिए बहुत काम आया और बोर्डिंग स्कूल में रहने की वजह से मैंने अपनी जिंदगी में बहुत डिसिप्लिन सीखा। परंतु बोर्डिंग स्कूल में रहने की वजह से विजय तेलुगु भाषा बोलना बिल्कुल भूल गए। उनके पापा को भी उनसे बात करने के लिए अंग्रेजी भाषा में बात करनी पड़ती थी। 10th तक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वह आनंदपुर से वापस हैदराबाद आ गए और यहीं उन्होंने “लिटिल फ्लावर जूनियर कॉलेज” से अपनी 12 वी तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद विजय ने “बदरुका कॉलेज ऑफ कॉमर्स” से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने लगे।
स्कूल छोड़ने के बाद विजय का लगाव फिल्मों में बहुत बढ़ गया था और वह एक्टिंग में करियर बनाने के बारे में सोचने लगे। विजय की ग्रेजुएशन चल रही थी और उनका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं था और वह क्लास में नहीं लेने जाया करते थे और अपना ज्यादातर समय अपने घर पर ही बिताते थे। विजय ने बताया कि वह मेरी जिंदगी का सबसे बोरिंग टाइम था मैं ग्रेजुएशन कर रहा था और पढ़ाई में मेरा बिल्कुल मन नहीं लगता था। विजय को हर समय घर पर बैठा देख उनके पापा ने गुस्से में बोला अगर तुम्हें घर पर ही बैठना है तो पढ़ाई में मेरे पैसे बर्बाद क्यों कर रहे हो? विजय पहले से ही परेशान था उन्हें अपने पापा की बात बहुत बुरी लगी और पापा को बुरा महसूस कराने के लिए विजय ने जवाब दिया कि अगर आपके इतना ही पैसा है तो आप मुझे न्यूयॉर्क एक्टिंग स्कूल में क्यों नहीं दाखिला दिलवा देते। अगर मुझे एक्टिंग सीखने को मिले तो निश्चित ही मैं आपको एक्टर बनकर दिखाऊंगा। विजय को पता था कि उनके पापा के पास इतना पैसा नहीं है जो उन्हें न्यूयॉर्क भेज सकें। विजय के पापा ने उस समय तो कुछ नहीं बोला पर थोड़े समय के बाद उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क तो हम तुम्हें नहीं भेज पाएंगे यह तुम भी जानते हो। परंतु अगर तुम्हें एक्टिंग सीखनी है तो यही के अच्छे से थिएटर ग्रुप में ज्वाइन करवा सकते है। विजय अपने पापा की इस बात पर राजी हो गए और विजय ने वह थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया और एक्टिंग सीखनी शुरू कर दी।
विजय का हुनर धीरे धीरे सामने आने लगा उन्हें कुछ धारावाहिक में छोटे-छोटे रोल मिले। कुछ वक्त लगा और वह एक्टिंग में परिपक्व हो गए। फिर उन्होंने फिल्मों में ऑडिशन देना शुरू कर दिया। काफी ऑडिशन देने के बाद विजय को साल 2011 में रवि बाबू के डायरेक्शन में बनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में ब्रेक मिल गया। विजय को लगा था कि अब उनका संघर्ष खत्म हो गया है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। उनकी पहली मूवी सफल तो रही पर उन्हें वह पहचान नहीं दिला सकी जिससे उनकी फिल्मों में मांग होती।
2011 में पहली फिल्म करने के बाद विजय को 4 साल तक कोई फिल्म नहीं मिली। हालांकि 2012 में उन्हें “लाइफ इज ब्यूटीफुल” नाम की फिल्म में उन्हें स्पेशल अपीरियंस के लिए लिया गया, लेकिन 4 साल तक उन्हें कोई सपोर्टिंग रोल भी नहीं मिल सका। विजय बताते हैं कि मेरी एक्टिंग करियर का यह बहुत कठिन समय था, जहां मुझे कहीं भी काम नहीं मिल रहा था। विजय उस टाइम एक्टिंग से पीछे हट कर दूसरे जॉब के बारे में भी सोचने लगे थे क्योंकि विजय अपने घर से बहुत दूर रहा करते थे और उनके पास खर्चा चलाने के लिए भी पैसे कम पड़ने लगे थे। मन में पीछे हटने के विचार और पैसों की कमी के बावजूद भी विजय ने खुद को इंप्रूव करना जारी रखा । जिंदगी में यह बहुत नाजुक समय होता है जहां पता चलता है कि इंसान कितना मजबूत है और अपने लक्ष्य को लेकर कितना समर्पित है।
उसी समय साल 2015 में उन्होंने एक फिल्म “यह बड़े सुब्रमण्यम” का ऑडिशन दिया। इस फिल्म में विजय को एक सपोर्टिंग रोल के लिए चुना गया। मूवी में उनका स्पोटिंग किरदार था और यह सपोर्टिंग किरदार उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। इस फिल्म में विजय की एक्टिंग सबको बहुत अच्छी लगी। इसी फिल्म से न सिर्फ ऑडियंस को विजय पसंद आए बल्कि कई फिल्म मेकर भी प्रभावित हुए। उस टाइम इस रोल से उन्हें तीन अच्छी फिल्में ऑफर हुई, जिनमें उन्हें लीड रोल करना था। उन तीन फिल्मों में पहली फिल्म 2016 में “प्लीज तू ब्लू” रिलीज हुई और यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई। केवल एक करोड़ रुपए में बनी और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 30 करोड़ का बिजनेस किया। इस फिल्म को “नेशनल अवार्ड” दिया गया। उन्हें 2017 मे उन्हें दूसरी फिल्म “द्वारका” में लीड रोल मिला था हालांकि यह फिल्म फ्लॉप रही और 2017 में ही विजय को “अर्जुन रेड्डी” मूवी में लीड रोल के लिए सिलेक्ट किया गया और
अर्जुन रेड्डी एक ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई, जिसने विजय को पूरे भारत में कभी न खत्म होने वाली प्रसिद्धि दिला दी। अर्जुन रेड्डी 5 करोड रुपए में बनी थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 50 करोड़ का बिजनेस किया। अर्जुन रेड्डी फिल्म मे विजय की परफॉर्मेंस भी बहुत कमाल की थी। इस फिल्म के लिए विजय को “फिल्म फेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर” का अवार्ड मिला।
डायरेक्टर संदीप को जब अर्जुन रेड्डी का हिंदी रिमेक बनाने का विचार आया, तो उन्होंने “कबीर सिंह” फिल्म में लीड रोल के लिए सबसे पहले विजय देवरकोंडा से ही कहा पर विजय ने यह रोल करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं एक ही जैसे किरदार दो बार नहीं करना चाहता। इसके बाद अर्जुन रेड्डी की रीमेक “कबीर सिंह” फिल्म का लीड रोल शाहिद कपूर को दे दिया गया। विजय ने एक इंटरव्यू में कहा की उन्होंने अभी तक कबीर सिंह फिल्म नहीं देखी है, वह चाहते थे कि मूवी सुपरहिट हो परंतु फिल्म ब्लॉकबस्टर रही, जो यह बताती है कि शाहिद कपूर ने कितनी बेहतरीन एक्टिंग की।
अर्जुन रेडी फिल्म के बाद विजय को बहुत सी फिल्मों के ऑफर आने लगे और इसीलिए उन्होंने साल 2018 में पांच फिल्मों में काम किया। इन पांच फिल्मों में चार सुपरहिट रही और “गीता गोविंदम” तो इतनी बड़ी हिट रही, जिसने 125 करोड़ से भी ज्यादा का बिजनेस किया। यह फिल्म पांच करोड़ में बनी थी। यहीं से उनके चाहने वालों ने विजय को “लवर बॉय” का नाम दिया। विजय अपने चाहने वालों को “थैंक्स” नहीं बोला करते क्योंकि उन्हें यह शब्द पसंद नहीं वह अपने फैंस को “राऊडीज” बोलते हैं। आज विजय कामयाब एक्टर की लिस्ट में है, जहां उन्हें एक्टर नहीं सुपरस्टार बोला जाता है। विजय को साल 2019 में “सेलिब्रिटी लिस्ट” में शामिल किया गया।
विजय को अर्जुन रेड्डी फिल्म के लिए जो फिल्म फेयर अवार्ड मिला था उस अवार्ड को विजय ने 25 लाख रुपए में बेच दिया और यह रुपये उन्होंने “सीएम रिलीफ फंड” में दान दिए। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बोला कि अवार्ड तो मुझे मिल चुका है इस ट्रॉफी को घर में रखने से अच्छा है कि जरूरतमंदों के काम में लिया जाए।
विजय की सबसे बड़ी हिट फिल्म “गीता गोविंदम” है लेकिन बहुत से लोग मानते हैं कि “अपने ए बड़े सुब्रमण्यम” भी उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक है क्योंकि इस फिल्म ने विजय को पहचान दी, जिसके बाद उन्हें लीड रोल के ऑफर आने लगे अगर उन्हें इस मूवी में सपोर्टिंग रोल नहीं मिलता तो पता नहीं कब उनका संघर्ष खत्म होता है
विजय अपनी जिंदगी में अपने चाहने वालों को को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने अपने एक जन्मदिन पर आइसक्रीम भरकर ट्रक घुमाया और खुद ही फैंस को आइसक्रीम बाटी। उन्होंने ने बताया कि उन्हें फैंस का दिल दुखाना बिल्कुल पसंद नहीं। वह बताते हैं कि फ्लाइट के दौरान में वह बिल्कुल भी डिस्टर्ब होना नहीं चाहते, अगर मुझसे कोई सेल्फी की बोले तो मना कर देता हूं परंतु इसके बाद में उनके साथ सेल्फी लेता हूं क्योंकि अगर वह फैन कभी मेरे बारे में सोचेगा, तो मैं चाहता हूं मेरा घमंडी व्यवहार है, ऐसा उसके दिमाग में नहीं आना चाहिए ।
विजय की स्वयं की प्रोडक्शन कंपनी है जिसका नाम “किंग ऑफ द हिल प्रोडक्शन” है। विजय इस प्रोडक्शन के जरिए फिल्मेकर और एक्टर्स को प्रमोट करना चाहते हैं। विजय 2020 में फूड डिलीवरी एप “जोमैटो” के ब्रांड एमेस्टर भी रह चुके हैं। इसके अलावा विजय का खुद का एक कपड़ों का ब्रांड भी है जिसका नाम “रावडी वियर” है।