पोलो कोलो ने कहा है – “यात्रा पैसों की नहीं बल्कि साहस की बात है ।”
यात्रा करना तो हम सबको पसंद है परंतु हमारे हिंदुस्तान के 18 वर्ष के नौजवान शुभम ने, बिना पैसों के ट्रैवलिंग कर के दिखा दिया कि ट्रैवलिंग के लिए पैसों की आवश्यकता नहीं है । शुभम को 13 साल की उम्र में पता चला कि इन्हें लंबी दूरी की यात्रा (ट्रैवलिंग) करने में रुचि ( इंटरेस्ट) है। ट्रैवलिंग को शुरू करने का निर्णय शुभम ने तब लिया, जब वह “लेह लद्दाख” में थे इसके बाद शुभम ट्रैवलिंग के लिए गंभीर हो गए और उन्होंने”ट्रैवल वीडियो” देखना शुरू कर कर दिया। 17 वर्ष की उम्र में हिमालय और राजस्थान का ट्रिप करते हुए इन्होंने ट्रैवलिंग के बारे में बेहतर जानकारी हासिल की और इंजीनियरिंग बीच में छोड़कर ट्रेवलिंग करने का निर्णय लिया। वह आज “फुल टाइम ट्रैवलर” और “पार्ट टाइम स्टूडेंट” हैं और 20 से ज्यादा देशों की सैर कर चुके हैं। इन्होंने ट्रैवलिंग को एक नए मुकाम तक पहुंचायाा और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला।
शुभम का जन्म 2 दिसंबर सन 2002 को हुआ। यह बिहार के एक छोटे से गांव से हैं, जो भागलपुर और मुंगेर के पास पड़ता है। शुभम ने 16 साल की उम्र में ट्रैवलिंग करना शुरू किया था। यह एक सरकारी स्कूल से पढ़े हैं और इनके पिताजी एक स्कूल में टीचर और मां एक ग्रहणी है। वह अब तक लगभग 50000 किलोमीटर से ज्यादा तक की “हीचेकिंग” कर चुके हैं। हीचेकिंग का मतलब होता है कि एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोगों से लिफ्ट मांगना ।
17 साल की उम्र में इन्होंने पहली बार जनवरी 2018 में ट्रेवल कर दिया तो इन्हें ट्रैवलिंग इतना पसंद आया कि इन्होंने सोलो ट्रैवल करने का निश्चय किया। इन्होंने चार-पांच महीने में रिसर्च किया कि मैं इंडिया टू साउथ अफ्रीका तक ट्रैवल करूंगा वह भी बायलैंड (By land) बिना किसी फ्लाइट के। वह भारत से बांग्लादेश, बांग्लादेश से म्यांमार, म्यांमार से थाईलैंड, थाईलैंड से लाउज , लाउज से चाइना, मंगोलिया, रशीया, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और वापस कजाकिस्तान । फिर रशीया का साइबेरया रीजन का सफर तय किया फिर अज़रबैजान और कोरोनावायरस की वजह से वह अजरबैजान में हैं।
शुभम दुनिया की सबसे ठंडी जगह, जिसका नाम है “Oymyakon” भी गए जोकि रशीया के ईस्टर्न पार्ट में “याकुटिया” में है जोकि दुनिया की सबसे ठंडी जगह है। जहां इंसान रहते हैं। यहां का तापमान लगभग -72 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और शुभम Oymyakon में जाने वाले चौथे भारतीय हैं। शुभम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है “लांगेस्ट ट्रैवलिंग बाय लैंड थ्रू रिचेकिंग एंड पब्लिक ट्रांसपोर्ट”। उन्होंने लगभग 30000 किलोमीटर की ट्रैवलिंग “सड़क द्वारा”(By Land) तय की है।
शुभम ने यहां जाने का सोचा नहीं था लेकिन एक यूट्यूब वीडियो देखते समय उन्हें Oymyakon की एक डॉक्यूमेंट्री देखी थी और उन्होंने इसे देखने के बाद वहां जाने का मन बना लिया था। उस समय वह किर्गिस्तान में ही थे तब उन्होंने निश्चय किया कि वह वापस रशीया जाएंगे। तब उन्होंने किर्गिस्तान से होते हुए रसियाा के ईस्टर्न पार्ट को कवर किया। इन्होंने यह जो पूरी यात्रा की है वह लगभग 30000 किलोमीटर की है जो कि एक “वर्ल्ड रिकॉर्ड” है।
यह लगातार 2 सालों से ट्रैवलिंग कर रहे हैं। जो ट्रेवलिंग पर खर्च होता है उस खर्चे को पूरा करने के लिए शुभम ऑनलाइन क्लासेस लेते हैं और पार्ट टाइम जॉब करते हैं और वेबसाइट के साथ काम करते हैं और उनसे जो पैसा कमाते है उसे वह अपने आगे के सफर में इस्तेमाल करते हैं।
शुभम ने इस बात को साबित कर दिया कि आप बहुत कम पैसों से देश विदेश घूम सकते हैं। देश विदेश घूमने के लिए अमीर होना जरूरी नहीं है।