नवजोत सिमी जीवनी – Navjot Simi Biography in hindi – कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस बात को आईपीएस “नवजोत सिम्मी” ने पूरा करके दिखाया।
नवजोत सिमी का जन्म 21 दिसंबर 1987 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरदासपुर के “सनराइज पब्लिक स्कूल” से हासिल की और आगे की पढ़ाई के लिए आर्ट स्ट्रीम को चुना उन्होंने क्लास 10th के बाद दाखिला गवर्नमेंट स्कूल में लिया क्योंकि उनके आसपास के क्षेत्र में कोई भी प्राइवेट स्कूल नहीं था। जिस कारण उन्होंने 12th गवर्नमेंट स्कूल से किया। वह आगे की पढ़ाई के लिए अमृतसर चली गई ताकि वह गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर सके। कॉलेज के
दौरान ही उनका चयन “पंजाब सिविल सर्विसेज” में हो गया और वह “एक्साइज टैक्स ऑफिसर” बन गई।
एक्साइज टैक्स ऑफिसर बनने के दौरान उनकी मुलाकात आईएएस “तुषार” से हुई जिन्होंने उनकी सोच को पूरी तरह बदल दिया और वह यूपीएससी की तैयारी करने लगी। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की और साल 2017 में नवजोत सिमी ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 735 वी रैंक हासिल की और उन्हें आईपीएस का पद मिला। नवजोत सिमी उत्तर प्रदेश के पटना शहर में “आईपीएस” के पद पर कार्यरत है। नवजोत सिमी के पिता का नाम “हंसराज” है जो कि यूनियन बैंक के मैनेजर के पद पर कार्यरत है और इनकी मां का नाम “दलबीर कौर” है जो कि एक घरेलू महिला है। उनके भाई का नाम “मोहित सिम्मी” है।उनकी छोटी बहन ने एमबीए किया हुआ है और वह दुबई में काम करती है। उनका भाई मोहित जिन्होंने कंप्यूटर साइंस में “बीटेक” किया हुआ है।
IAS और IPS अधिकारी हमेशा अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं। कोई अपनी दबंगई से सभी के दिलों पर छाप छोड़ता है, तो कोई अपने नम्र व्यवहार के चलते जनता का दिल जीत लेता है। लेकिन एक आईएएस अधिकारी तुषार सिंगला और आईपीएस अधिकारी नवजोत सिमी अपनी शादी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। इन्होंने वैलेंटाइन डे पर अपनी शादी अपने ऑफिस में करके इस शादी को को यादगार बना दिया। नवजोत सिम्मी ने 14 फरवरी 2020 को “आईएएस ऑफिसर तुषार” से शादी कर ली। नवजोत ने बताया कि समय नहीं मिलने के कारण उन्होंने शादी अपने ऑफिस में ही की थी।
नवजोत सिमी की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम तब तक नहीं हार सकते, जब तक हम प्रयास करना नहीं छोड़ देते। अपना वक्त आएगा इस भरोसे नहीं रहना चाहिए क्योंकि समय आता नहीं है, उसे अपनी मेहनत के साथ लाना पड़ता है। अगर हम अपने समय का सदुपयोग करते हैं तो परिस्थितियां हमारे अनुकूल रहेंगी और अगर अपना समय बर्बाद करते हैं तो परिस्थितियां विषम हो जाएंगी। किसी ने सही कहा है –
“भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से लाभ गुना बेहतर है, कर्मो का तूफ़ान पैदा कीजिए, दरवाजे खुद ब खुद खुल जाएंगे।”
कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस बात को आईपीएस “नवजोत सिम्मी” ने पूरा करके दिखाया।
नवजोत सिमी का जन्म 21 दिसंबर 1987 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरदासपुर के “सनराइज पब्लिक स्कूल” से हासिल की और आगे की पढ़ाई के लिए आर्ट स्ट्रीम को चुना उन्होंने क्लास 10th के बाद दाखिला गवर्नमेंट स्कूल में लिया क्योंकि उनके आसपास के क्षेत्र में कोई भी प्राइवेट स्कूल नहीं था। जिस कारण उन्होंने 12th गवर्नमेंट स्कूल से किया। वह आगे की पढ़ाई के लिए अमृतसर चली गई ताकि वह गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर सके। कॉलेज के
दौरान ही उनका चयन “पंजाब सिविल सर्विसेज” में हो गया और वह “एक्साइज टैक्स ऑफिसर” बन गई।
एक्साइज टैक्स ऑफिसर बनने के दौरान उनकी मुलाकात आईएएस “तुषार” से हुई जिन्होंने उनकी सोच को पूरी तरह बदल दिया और वह यूपीएससी की तैयारी करने लगी। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की और साल 2017 में नवजोत सिमी ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 735 वी रैंक हासिल की और उन्हें आईपीएस का पद मिला। नवजोत सिमी उत्तर प्रदेश के पटना शहर में “आईपीएस” के पद पर कार्यरत है। नवजोत सिमी के पिता का नाम “हंसराज” है जो कि यूनियन बैंक के मैनेजर के पद पर कार्यरत है और इनकी मां का नाम “दलबीर कौर” है जो कि एक घरेलू महिला है। उनके भाई का नाम “मोहित सिम्मी” है।उनकी छोटी बहन ने एमबीए किया हुआ है और वह दुबई में काम करती है। उनका भाई मोहित जिन्होंने कंप्यूटर साइंस में “बीटेक” किया हुआ है।
IAS और IPS अधिकारी हमेशा अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं। कोई अपनी दबंगई से सभी के दिलों पर छाप छोड़ता है, तो कोई अपने नम्र व्यवहार के चलते जनता का दिल जीत लेता है। लेकिन एक आईएएस अधिकारी तुषार सिंगला और आईपीएस अधिकारी नवजोत सिमी अपनी शादी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। इन्होंने वैलेंटाइन डे पर अपनी शादी अपने ऑफिस में करके इस शादी को को यादगार बना दिया। नवजोत सिम्मी ने 14 फरवरी 2020 को “आईएएस ऑफिसर तुषार” से शादी कर ली। नवजोत ने बताया कि समय नहीं मिलने के कारण उन्होंने शादी अपने ऑफिस में ही की थी।
नवजोत सिमी की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम तब तक नहीं हार सकते, जब तक हम प्रयास करना नहीं छोड़ देते। अपना वक्त आएगा इस भरोसे नहीं रहना चाहिए क्योंकि समय आता नहीं है, उसे अपनी मेहनत के साथ लाना पड़ता है। अगर हम अपने समय का सदुपयोग करते हैं तो परिस्थितियां हमारे अनुकूल रहेंगी और अगर अपना समय बर्बाद करते हैं तो परिस्थितियां विषम हो जाएंगी। किसी ने सही कहा है –
“भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से लाभ गुना बेहतर है, कर्मो का तूफ़ान पैदा कीजिए, दरवाजे खुद ब खुद खुल जाएंगे।”
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