रोमन सैनी जीवनी Roman Saini biography in hindi – भारत का नाम दुनिया के उन देशों में शामिल किया जाता है, जहां पर शिक्षा का स्तर ज्यादा अच्छा नहीं है। इसके पीछे की शायद मुख्य वजह यह भी है कि भारत के अंदर पढ़ाई लिखाई को एक बिजनेस के नजरिए से ज्यादा देखा जाता है। खासकर इस फील्ड में पैसे वाले लोग पैसे के लिए आते हैं और देखते ही देखते करोड़पति बन जाते हैं। देश के कुछ संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षा के स्तर को सुधारने का जिम्मा अपने सर उठा लिया है और उन्हीं में से एक नाम “अनअकैडमी” का है।
रोमन सैनी ने दिन रात मेहनत करके 22 वर्ष की उम्र में “आईएएस” जैसे कठिन परीक्षा पास कर ली। पूरे देश में उन्होंने 18 रैंक हासिल की। लेकिन आईएएस बनने के बाद भी वह गरीबों के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहे थे। उन्हें लगा कि कुछ बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ने में अच्छे हैं, लेकिन गरीबी और सही मार्गदर्शन ना मिलने की वजह से वह बच्चे सफल नहीं हो पाते। रोमन सैनी ने ऐसे सभी बच्चों के लिए, अपने दोस्त “गौरव मुंजाल” के साथ मिलकर “अनअकैडमी संस्थान” की शुरुआत की। जहां गरीब विद्यार्थियों को मुफ्त में कोचिंग मिलती है।
2011 में एक मेडिकल कैंप के दौरान जब रोमन सैनी गांव गए, तो उन्होंने देखा कि गांव में पानी, सेहत और सफाई को लेकर कोई जागरूक नहीं है। तभी उन्होंने निश्चय किया कि गांव की हालत सुधार कर मैं अपने देश को बेहतर बनाने के लिए सिविल सर्विस में जाऊंगा। साल 2016 में “रोमन सैनी” ने अपनी अच्छी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर गरीब और सुविधा से वंचित लोगों को शिक्षा देना शुरू किया। आर्थिक हालातों से मजबूर लोगों की जिंदगी में आशा की एक किरण चमकी। जबलपुर के पूर्व कलेक्टर सैनी ने साल 2013 में सिविल सर्विस में, जाने के इच्छुक लोगों को मुफ्त में ऑनलाइन शिक्षा देने की मुहिम शुरू की, जिनमें गरीब व सुविधा से वंचित युवाओं को उनकी मंजिल में पहुंचाना काफी मददगार साबित हुआ। सैनी ने गरीब बच्चों के लिए दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफार्म शुरू किया है।
दरअसल अनअकैडमी डिजिटल एजुकेशन का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे यूट्यूब चैनल और मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। बेंगलुरु बेस् यह कंपनी 2015 में अपने लॉन्चिंग के बाद से ही काफी चर्चा में रही है। एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी की लोकप्रियता शायद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इसकी स्थापना के पीछे कुछ ऐसे महान लोग काम कर रहे हैं, जो कि इस देश के अंदर शिक्षा के स्तर में सच में सुधार लाना चाहते हैं। यहां तक कि इस कंपनी के फाउंडर्स में से एक रोमन सैनी ने तो इसके स्टार्टअप के लिए अपनी आईएएस की नौकरी तक छोड़ दी थी।
अनअकैडमी की शुरुआत करने के लिए 2010 में मुंबई मे पढ़ाई कर रहे गौरव मुंजाल ने यूट्यूब पर कंप्यूटर ग्राफिक से जुड़ा एक फोटो ट्यूटोरियल अपलोड किया था। जिस यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो अपलोड किया गया था उसका नाम “अनअकैडमी” दिया गया। दरअसल यह चैनल गौरव ने, इसलिए बनाया था ताकि वह अपने नॉलेज को अपने दोस्तों के साथ ऑनलाइन शेयर कर सके और फिर काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिलने के बाद से गौरव ने चैनल पर और भी कई सारे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से जुड़े हुए वीडियोस डालें। इसी बीच उन्होंने 2013 में एक रियल एस्टेट कंपनी भी बनाई लेकिन साल भर बाद 2014 में उन्होंने कंपनी को commonfloor.com को बेच दिया। और यहां से जब गौरव ने देखा कि आगे चलकर सब कुछ ऑनलाइन होने वाला है, तब उन्होंने एक एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी के शुरुआत करने की सोची और फिर उन्होंने अपने दोस्त “रोमन सैनी” से भी इस आइडिया को शेयर किया।
रोमन सैनी “अनअकैडमी” के काफी लोकप्रिय चेहरे हैं। इनका जन्म राजस्थान के जयपुर में हुआ था। रोमन सैनी राजस्थान के साधारण से परिवार में पले। उनकी माता एक ग्रहणी और पिता इंजीनियर थे। रोमन के घर में शुरुआत से ही पढ़ाई लिखाई को वरीयता दी जाती थी। इसलिए रोमन बचपन से ही काफी टैलेंटेड थी और यही वजह है कि हाई स्कूल में 85% मार्क्स करने के बाद से 16 साल की उम्र में ही उन्होंने “ऐम्स” का एंट्रेंस एग्जाम भी क्वालीफाई कर लिया था। फिर इसी दौरान 2011 में रोमन सैनी ने कई सारे मेडिकल कैंप को भी विजिट किया और वहां उन्होंने देखा कि भारत में शिक्षा आज भी गरीब लोगों के लिए काफी महंगी और कठिन है। शायद यही समय था जब उन्होंने भारत के अंदर एजुकेशन सिस्टम को सुधारने की ठान ली।
2013 में जब वह 22 साल के थे, तब (IAS)आई ए एस की परीक्षा भी उन्होंने खुद के दम पर ही पास कर ली। फिर उनकी पोस्टिंग बतौर असिस्टेंट कलेक्टर मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में लगी। जहां भारत में सिविल सर्विसेज की नौकरी को सबसे ज्यादा वरीयता दी जाती है। वही रोमन सैनी ने देश के भविष्य को पहले सोचा और अपनी आईएएस की नौकरी तक छोड़कर, वह गौरव मुंजाल के साथ अनअकैडमी एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी को बनाने में लग गए । इसके अलावा गौरव और मित्र हिमेश सिंह भी इस कंपनी के साथ जुड़े हुए थे और फिर गौरव रोमन और हिमेश तीनों ने मिलकर 2016 में अनअकैडमी को अलग-अलग प्लेटफार्म जैसे कि यूट्यूब, मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट पर उपलब्ध कराया। शुरुआती समय में तो रोमन सैनी ने भी काफी सारे ट्यूटोरियल्स डाली और लोगों का मार्गदर्शन किया। फिर आगे चलकर देखते ही देखते लाखों लोग इस प्लेटफार्म के साथ जोड़ते हुए चले गए। फिर कंपनी के कंसेप्ट आम लोगों के साथ-साथ इन्वेस्टर्स को भी काफी पसंद आए जिसकी वजह से Blume ensures, Standford Angels India, Waterbridge, Sachin Bansal, Binny Bansal, Vijay Shekhar Sharma की तरह कई सारे लोगों और कंपनियों ने अनअकैडमी के अंतर्गत इन्वेस्ट करना सही समझा। यही वजह है कि कंपनी को फंड मिलने के बाद से जो सफलता मिली तो वह आगे बढ़ते चले जा रही है और अनअकैडमी के जरिए अब शहर हो या फिर गांव में हर जगह से ही पढ़ाई करने वाले लोग अच्छी शिक्षा हासिल कर पा रहे हैं।
आज अनअकैडमी के यूट्यूब में लाखों सब्सक्राइबर है और यह वीडियो लाखों बार हर महीने देखे जाते हैं। अनअकैडमी जिस तरह से आज काम कर रही है उस से हम यही उम्मीद करते हैं कि वह भारत में शिक्षा के स्तर को जरूर बेहतर बना पाएंगे।