सुधीर चौधरी जीवनी – Sudhir Chaudhary biography in hindi – “सब्र कर बंदे मुसीबत के दिन भी गुजर जाएंगे
हंसी उड़ाने वालों के चेहरे भी उतर जाएंगे।”
न्यूज़ चैनल के सबसे चहेते एंकर सुधीर चौधरी “जी न्यूज़” के साथ काम करते हैं। सुधीर चौधरी जी मराठी के लाइव इंडिया चैनल “ओके” के संपादक रह चुके हैं उन्होंने अपनी पत्रकारिता करियर की शुरुआत सन 2001 में की थी और यह कई हिंदी और मराठी चैनलों पर “रिपोर्टर” भी रह चुके हैं। सुधीर चौधरी का “डीएनए” कार्यक्रम बहुत ही लोकप्रिय हैं। इन्हें Hindi broadcast category 2013 में “रामनाथ गोयनका अवार्ड”(Ramnath Goenka Award) से भी सम्मानित किया जा चुका है।
छोटे से इस शहर में पले बढ़े इस माली के बच्चे ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर ऐसा मुकाम हासिल कर लिया, जहां पर अपने आपको देखना किसी भी आदमी का सबसे बड़ा सपना होता है। सुधीर करोड़ों के बंगलों में रहते हैं लाखों की गाड़ियों में सफर करते हैं। वह इस समय सबसे महंगे न्यूज़ एंकर है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह एक छोटे से टीन के घर में रहा करते थे। आज उनके 1 घंटे के show की कीमत ₹100000 है। सुधीर की इस अद्भुत सफलता के पीछे एक बहुत ही बड़ा संघर्ष छिपा हुआ है।
सुधीर का जन्म दिल्ली में 18 जून 1974 को हुआ था। सुधीर के पिता एक स्कूल में माली का काम किया करते थे। इनका विवाह “नीति चौधरी” से हुआ है जिससे इनका एक बेटा भी है । सुधीर के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए सुधीर घर घर अखबार बांटा करते थे और साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी किया करते थे। धीरे-धीरे सुधीर को ऐसा लगने लगा कि ऐसी न्यूज़ तो मैं भी बना सकता हूं। उसी दिन से सुधीर ने निश्चय कर लिया कि अब तो न्यूज़ एंकर बनना ही है और वह जी जान से मेहनत करने लगे और रोजाना 5 घंटे एंकरिंग की प्रैक्टिस करने लगे।
सुधीर मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से “bachelor of arts” किया है। इसके बाद “इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास एंड कम्युनिकेशन आईआईएमसी” न्यू दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा प्राप्त किया। यह स्वयं एक जनरलिस्ट न्यूज एंकर और एडिटर भी थे।
सुधीर 1990 के दशक से टेलीविजन समाचार जगत में कार्य कर रहे हैं। सुरेंद्र “जी न्यूज़” में जनरलिस्ट के तौर काम किया जब से “ज़ी न्यूज़” की स्थापना हुई थी। ज़ी न्यूज़ में उन्होंने “कारगिल युद्ध” सहित “संसद हमले” से जुड़ी बड़ी खबरों को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया था। इसके अलावा इन्होंने “सहारा इंडिया टीवी” पर और “लाइव इंडिया” जैसे चैनलों पर भी काम किया है। सुधीर अपने डीएनए प्रोग्राम के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस प्रोग्राम की तैयारी के समय इन्होंने छोटे शहर और गांव की तरफ रुख किया था। जहां इन्हें लोगों से यह जानकारी मिली थी कि अन्य सभी चैनलों पर दिखाए जाने वाले न्यूज़ ज्यादातर बड़े शहरों की होती है और छोटे शहरों की खबरों का न्यूज़ चैनल ज्यादा ध्यान नहीं देते खबरों को तोड़ मरोड़ कर दिखाया जाता है तथा तथ्यों पर बात नहीं की जाती इन सब जानकारी से सुधीर ने अनुमान लगा लिया था कि लोगों को अब “ब्रेकिंग न्यूज़” नहीं बल्कि छोटे और बड़े शहरों की सच्चाई खबरों के जरिए दिखाना उचित रहेगा। साथ ही छोटे बड़े शहरों में अच्छे कार्य कर रहे कुछ महान व्यक्तियों के बारे में अगर उनके प्रोग्राम में बताया जाए तो वह भी बहुत अच्छा रहेगा। यह सब सोचकर उन्होंने “डीएनए” प्रोग्राम शुरू किया। भारत की जनता को उनका खबर पढ़ने का अंदाजा बहुत पसंद आया। देखते-देखते यह शो सफलता की ऊंचाइयां छूने लगा और सुधीर चौधरी की कामयाबी से आज पूरा देश परिचित है।
“जो मंजिलों को पाने की चाहत रखते हैं वह समंदर पर भी पत्थरों के पुल बना लिया करते हैं।”
जब भारत में निजी समाचार चैनलों की बात आती है तब सुधीर चौधरी का नाम हमेशा याद किया जाता है। सुधीर चौधरी 1993 में “जी न्यूज” के साथ जुड़े थे 2003 में सुधीर पर “नवीन जिंदल” जोकि एक पत्रकार थे इनसे पैसे जुटाने की कोशिश करने के झूठे मामले में फंसा कर इन्हें जी न्यूज़ से बाहर कर दिया गया।
इसके बाद सुधीर ने ” सहारा ग्रुप” ज्वाइन कर लिया और वहां इन्होंने एक नया चैनल “सहारा समय” बना दिया। सहारा समय की प्रसिद्धि और सुधीर का नाम हर किसी की जुबां पर था। सब अपने चैनल पर सुधीर को लाना चाहते थे। इसी दौरान सुधीर ने “लाइव इंडिया” न्यूज़ चैनल लाने में सहायता की और इसमें बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की। लाइव इंडिया एक जबरदस्त विवाद में आ गया, जब एक साधारण स्कूल शिक्षक को बदनाम करने के लिए नकली स्टिंग ऑपरेशन चलाया गया था। जब स्टिंग ऑपरेशन को चैनल पर दिखाया गया तो लोग स्कूल में गए और सड़क पर मासूम शिक्षक “उमा खुराना” को खींचकर उनका अपमान किया और इस उस प्रकरण के लिए सुधीर को दोषी ठहराया गया था। सुधीर ने इसे नकार दिया। हालांकि गलती “प्रकाश सिंह” की थी लेकिन सुधीर चौधरी को चैनल से बाहर कर दिया गया। फिर सुधीर चौधरी ने वापस “ज़ी न्यूज ” को ज्वाइन किया और जी न्यूज़ को आसमां तक पहुंचा दिया। और आज वह जी न्यूज़ में “सीईओ” के पद पर कार्यरत हैं। आज जी न्यूज़ इंडिया के टॉप 3 चैनल्स में अपना स्थान जमाए हुए हैं और सुधीर का प्रोग्राम “डीएनए” इंडिया में मोस्ट पॉपुलर टीआरपी प्रोग्राम है। सुधीर ऐसे ही अपने कार्य को करते रहें और हमें यूं ही बेबाकी से खबरों की सच्चाई से अवगत कराते रहेंगे।
“जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे, जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था
अब जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।”