Nikola Tesla biography in hindi – आज की हमारी दुनिया विज्ञान और विज्ञान के अद्भुत चमत्कारों से भरी पड़ी है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहते हैं और वह इतिहास के पन्ने में हमेशा छाए रहते हैं। यही वह लोग होते हैं जो विज्ञान के नामुमकिन काम को मुमकिन कर देते हैं। ऐसे लोग हमेशा प्रकृति के नियमों को समझते हुए आगे बढ़ते हैं और अपने विकास के बंद रास्तों को खोलते हैं। ऐसे ही एक महान इंसान निकोला टेस्ला है जिन्होंने प्रकृति के नियमों को समझते हुए मानवता के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और इस पूरी दुनिया का नक्शा ही बदल कर रख दिया। एक ऐसा वैज्ञानिक जिसकी खोजो ने, विज्ञान जगत में खलबली मचा दी।
19वीं सदी के महान वैज्ञानिकों में शुमार निकोला टेस्ला ने अपनी पूरी जिंदगी विज्ञान को ही समर्पित कर दी। वह फिजिसिस्ट मैकेनिकल इंजीनियर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर होने के साथ-साथ भविष्य वादी भी थे। निकोला बचपन से ही अद्भुत प्रतिभाशाली थे। उनका दिमाग काफी तेज चलता था। बचपन से ही उन्हें प्रकृति से बड़ा लगाव था और वह विज्ञान और विज्ञान के रहस्यों के बारे में सोचते रहते थे। निकोला को विज्ञान में नए नए अविष्कार करने की प्रेरणा अपनी मां से मिलती थी, जो खाली समय में घर में कई छोटे-मोटे उपकरण बनाया करती थी। निकोला बचपन से ही भगवत बुद्धिमान थे। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि स्कूली दिनों में टेस्ला गणित के कठिन से कठिन सवालों को भी, बिना कागज कलम के, अपने दिमाग में ही हल कर लेते थे। इतना ही नहीं “एडवांस्ड कैलकुलस” के सवालों को भी दिमाग में ही हल करते थे, जिससे उनके टीचर्स को यह लगता था कि टेस्ला कहीं से नकल कर रहे हैं।
यह वह दौर था जब स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद युवाओं के पास केवल दो Choice हुआ करती थी, एक -या तो वह पादरी बन जाए और दूसरी- वह सेना में भर्ती हो जाए। लेकिन निकोला टेस्ला तो किसी और दुनिया के सपने देख रहे थे एक ऐसी विज्ञान की दुनिया, जो रहस्यों से भरी थी।
स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद निकोला के पिता ने उन्हें पादरी बनने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने अपने पिता से कहा कि वे आगे पढ़ना चाहते हैं। अपने बेटे की पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर उन्होंने 1875 निकोला का एडमिशन ऑस्ट्रिया के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में करा दिया। जहां उन्होंने नौ परीक्षाओं को पास कर के, प्रथम स्थान प्राप्त किया। टेस्ला को नई नई खोज करने में बहुत रुचि थी लेकिन इसके लिए वे आर्थिक रूप से कमजोर थे।
इसी बीच 1881 में उन्हें एक टेलीग्राम कंपनी में नौकरी मिल गई, जहां पर उन्होंने कम्युनिकेशन इंस्ट्रूमेंट्स में कई सुधार किए और “टेलीफोन एंपलीफायर” को एक नए रूप में बनाया। लेकिन इन्हें वह पेटेंट नहीं करा पाए। बताया जाता है कि निकोला टेस्ला की याददाश्त फोटोग्राफिक थी। वे जो भी अविष्कार डिजाइन कर दे, उसे बिना कागज पर उतारे ही पूरा कर देते थे, इसलिए कुछ लोगों को लगता था कि Tesla के पास कोई दिव्य शक्ति है। टेस्ला अक्सर कहा करते थे कि उनका संपर्क एलियन जैसे लोगों से होता है और उन्होंने टाइम ट्रैवल भी किया है जहां उन्होंने Future, Present और Past तीनों को एक साथ जिया है। यह बात टेस्ला ने अपनी किताब “My Inventions” में भी कही है। टेस्ला कि इन्हीं खूबियों के चलते 1882 में उन्हें थॉमस एडिसन की कंपनी , फ्रांस यूनिट में नौकरी मिल गई और इसके बाद 1884 में इनका तबादला अमेरिका हो गया। टेस्ला ने थॉमस एडिसन के आविष्कारों में बहुत बड़ा योगदान दिया, लेकिन फिर एक समय ऐसा आया जब थॉमस एडिसन और टेस्ला के बीच “Electricity War” शुरू हो गया।
थॉमस एडिसन की कंपनी छोड़ने के बाद, उन्होंने अपनी खुद की कंपनी खड़ी की और उन्होंने”AC System” एक ऐसी प्रणाली जिस को लाकर, दुनिया की ही किस्मत बदल दी। “AC System” से दूर-दूर तक बड़ी आसानी से और काफी सस्ती बिजली पहुंचाई जा सकती थी और आज भी पूरी दुनिया में घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए AC System का ही उपयोग किया जाता है। अविष्कार करना टेस्ला के खून में बसा था। अपनी अद्भुत कल्पना, शक्ति और बुद्धिमत्ता के चलते टेस्ला ने बहुत से ऐसे आविष्कार किए, जिन्होंने वैज्ञानिकों में खलबली मचा दी। जिनमें से कुछ तो आज भी कार्यरत है, लेकिन कुछ इतिहास के पन्नों से ही गायब हो गए। आठ भाषाओं का ज्ञान रखने वाले निकोला टेस्ला जो भी सोचते थे वो उनके समय से कहीं अधिक आगे का होता था। इनके कुछ अविष्कार तो ऐसे थे जो अगर आज होते तो हमारी दुनिया का नक्शा कुछ अलग ही होता है।
सबसे पहले टेस्ला ने “चक्रीय चुंबकीय क्षेत्र के सिद्धांत” की खोज की और उनका एक अविष्कार “AC Electricity Motor” का निर्माण, जिसने आज पूरी दुनिया को रोशन कर दिया। AC करंट से पहले अमेरिका में भी DC करंट की सप्लाई की जाती थी लेकिन DC करंट में कमियां बहुत थी, जिसे टेस्ला ने उजागर किया और AC Supply लागू की। अमेरिका आने के बाद निकोला टेस्ला ने 1891 मे “Tesla Coil” का निर्माण किया। Tesla Coil एक तरह की इलेक्ट्रिक सर्किट होती है जिसकी सहायता से कम करंट और हाई वोल्टेज की बिजली पैदा की जाती है। आज के समय में रेडियो टेलीविजन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में “टेस्ला कॉइल” का काफ़ी उपयोग किया जा रहा है। वॉयरल ट्रांसमिशन में भी इसका उपयोग हो सकता है। इसके बाद इन्होंने 1895 में रेडियो संचार तकनीक का आविष्कार किया। बताया जाता है कि रेडियो संचार तकनीक पर टेस्ला काम कर रहे थे और उन्होंने यह प्रोजेक्ट पूरा भी कर लिया था लेकिन 1895 में ही उनकी लैब में आग लग गई जिसकी वजह से वे इसे पेटेंट नहीं करा पाए। इसके बाद राजनैतिक कारणों के चलते रेडियो के अविष्कार का पेटेंट “मारकोनी” नाम के एक इटालियन वैज्ञानिक को मिल गया। निकोला टेस्ला की मौत के कुछ महीनों बाद अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने, मारकोनी के पेटेंट को अमान्य करार दे दिया और पेटेंट टेस्ला को दे दिया लेकिन निकोला टेस्ला यह अपनी आंखों से नहीं देख पाए।
इसके बाद 1896 मे निकोला ने “हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट” का आविष्कार किया। इस प्लांट को बनाने में लगभग 3 साल लगे और 16 नवंबर 1896 को पहली बार इस प्लांट से, नजदीकी इलाके में बिजली की सप्लाई की गई। टेस्ला के इस आविष्कार ने वैज्ञानिकों को काफी हैरान किया। इससे पहले सन 1913 में टेस्ला ने एक अनोखा आविष्कार किया जिससे लोग उन्हें पागल वैज्ञानिक भी कहने लगे। यह अविष्कार “अर्थक्वेक ओसी लेटर” था। यह एक प्रकार का इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर था जो कि हाई स्पीड से अप डाउन करता और इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता था। एक बार टेस्ला इस प्रोजेक्ट के ऊपर प्रयोग कर रहे थे, उस दौरान टेस्ला इसकी पावर को तेजी से बढ़ा रहे गए। ऐसा करने से उनके आसपास के एरिया में भूकंप आ गया। इस घटना के बाद उन्हें पता चला कि उन्होंने एक ऐसी मशीन बना दी है जो “अर्थक्वेक”(Earth quack) पैदा कर सकती है। यह मशीन मानवता के लिए घातक साबित हो सकती थी इसलिए निकोला टेस्ला ने यह मशीन तभी तोड़ दी। इसके बाद 1898 में इन्होंने खिलौने के आकार की एक नाव बनाई जो की रिमोट से चलती थी। यह नाव अपने समय से कहीं अधिक आगे की थी। इस नाव को रिमोट से चलता देख लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ और उन्हें लगा कि इसमें कोई प्रशिक्षित जानवर बैठा है जो उसे चला रहा है, लेकिन यही वह अविष्कार था जो आजकल के तीन मुख्य एडवांस टेक्नोलॉजी में उपयोग होता है, रोबोट गाइडेड, मिसाइल और रिमोट कंट्रोल। यह तीनों अविष्कार निकोला टेस्ला ने एक ही प्रयोग से कर दिए।
इसके बाद 1901 मे निकोला टेस्ला ने “वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी” का अविष्कार किया, अगर यह होता तो शायद हम अपने इस समय से 100 साल आगे होते। इस मे निकोला टेस्ला एक गुंबद नुमा टावर बनाने पर काम कर रहे थे, जिससे कि रेडियो ट्रांसमिशन द्वारा पूरे शहर में मुफ्त बिजली की सप्लाई पहुंचाई जा सके। इसके लिए उन्होंने उस समय के न्यूयॉर्क के सबसे बड़े निवेशक “जेपी मॉर्गन” को अपने इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने को कहा। शुरुआत में जेपी मॉर्गन ने इस टावर में पैसा लगाया लेकिन जब बाद में उन्हें पता चला की टेस्ला इस से पूरे शहर में मुफ्त बिजली सप्लाई करने का सपना देख रहे हैं तो उन्होंने टेस्ला के इस प्रोजेक्ट को फंड देना बंद कर दिया और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण 1905 में यह प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा। उसके बाद 1918 में जेपी मॉर्गन ने यह टावर पूरी तरह से तुड़वा दिया।
टेस्ला के आविष्कारों का आधार ज्यादातर उनकी कल्पना शक्ति होती थी और इसी के चलते उन्होंने 1934 में “death beam” नामक एक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। यह अविष्कार भी काफी एडवांस साबित होता, अगर यह पूरा हो पाता। यह प्रोजेक्ट अगर सफलतापूर्वक पूरा होता तो हमारी दुनिया वाईफाई जैसी होती है। death beam एक ऐसा हथियार था जो 250 मील दूर से ही दुश्मनों के 10,000 हवाई जहाजों को एक बार में ही खत्म कर देता, लेकिन इसके पूरा ना होने का कारण फंड की कमी थी । टेस्ला के पहले इन्वेस्टर जेपी मॉर्गन ने इस प्रोजेक्ट पर फंड देने से मना कर दिया जब कि सोवियत संघ सरकार ने $25000 का चेक दिया था , लेकिन यह रकम इस प्रोजेक्ट के लिए कम था और यह अविष्कार भी पूरा नहीं हो पाया।
अपने साल के अंतिम दिनों में टेस्ला “थॉट कैमरा” बनाने पर काम कर रही थी यह एक ऐसा कैमरा होता है जो किसी इंसान के थॉट्स को एक तस्वीर में बदल सकता था। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसी इंसान के ब्रेन में चल रहे थॉट्स को decode करके एक इमेज बनाना चाहते थे लेकिन इस प्रोजेक्ट को भी यह पूरा नहीं कर पाए। टेस्ला के आविष्कार आइंस्टाइन और एडिसन के आविष्कारों से कम नहीं थे, मगर टेस्ला एक व्यापारी न होकर केवल विज्ञान की तर्ज पर काम किया करते थे और इस वजह से वह हमेशा ही आर्थिक रूप से कमजोर रहते हैं।
7 जनवरी 1943 को 86 वर्ष की उम्र में टेस्ला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जाता है कि टेस्ला ने आजीवन विवाह नहीं किया क्योंकि उन्होंने अपना सारा समय विज्ञान और इसके अविष्कारों में लगा दिया। अपने जीवन के अंतिम दिनों में टेस्ला के कुछ प्रयोग असफल हो गए और कुछ वैज्ञानिक उनके ही पेटेंटओं को चुराकर शोहरत पा रहे थे जिससे वे डिप्रेशन का शिकार हुए। टेस्ला ने अपने समय में हजारों किताबों को पड़ा अपने वैज्ञानिक जीवन के दौरान निकोला टेस्ला ने “The Flying Soccer” और “Improved air ships” जैसे प्रोजेक्ट पर भी काम किया लेकिन लोगों ने इन पर भी अपनी गलत राय ही पेश की। वैसे तो टेस्ला को उनके अविष्कारों का श्रेय नहीं मिला और उनके प्रयोगों को सरकार ने दबा कर रखा है लेकिन टेस्ला को विज्ञान जगत में काफी सम्मान दिया गया है। टेस्ला को उनके सम्मान में उनके 75 वें जन्मदिवस पर “टाइम मैगजीन” ने अपने कवर पेज पर उन्हें जगह दी थी। इतना ही नहीं बल्कि चुंबकीय प्रभाव की यूनिट टेस्ला उन्हीं के सम्मान में है। टेस्ला को आज की आधुनिक दुनिया में “वाईफाई का जनक” माना जाता है। भले ही आज टेस्ला द्वारा किए गए आविष्कारों को उनके अविष्कार के तौर पर नहीं माना जाता हो, लेकिन टेस्ला ने जो मानवता के लिए किया है उसके लिए सदैव हम उनके ऋणी रहेंगे।
You may also like: