Tessy Thomas biography in hindi – डॉक्टर टेसी थॉमस को अग्नि 5 को सफलता से लांच करने के बाद ही “मिसाइल वूमेन” या “अग्नि पुत्री” का खिताब मिला। इस मिशन को पूरा करना किसी कठिन चुनौती से कम नहीं था।
डॉक्टर टेसी थॉमस का जन्म 1964 में केरल के “अल पूझा” में एक ईसाई परिवार में हुआ था। जब टेसी 13 वर्ष की थी तभी उनके पिता का दाहिना भाग लकवा ग्रस्त हो गया। ऐसी परिस्थिति में उनकी मां ने उनके घर की सारी जिम्मेदारी उठाई। टेसी थॉमस टुंबा रॉकेट स्टेशन के पास बड़ी हुई और वह कहती है कि रॉकेट मिसाइल के साथ उनका आकर्षण तभी से शुरू हुआ था। टेसी की चार अन्य बहनें और एक भाई है और उनकी शादी भारतीय नौसेना में कमांडर “सरोज कुमार” से हुई। टेसी थॉमस का एक बेटा है जिसका नाम “तेजस” है।
टेसी थॉमस बीटेक और एमटेक करने के बाद “DRDO” से जुड़ गई और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के साथ प्रोजेक्ट में शामिल कर लिए जाने के कुछ समय बाद ही वह अग्नि प्रोजेक्ट की पहली महिला मुखिया बन गई। यह पहला मौका था जब पुरुषों का क्षेत्राधिकार समझे जाने वाले किसी अत्यंत महत्वपूर्ण डिफेंस सर्च प्रोजेक्ट में महिला का वर्चस्व कायम हुआ। टेसी थॉमस ने अपनी कुशाग्रता और मेहनत से यह साबित कर दिया कि डिफेंस रिसर्च में महिला पुरुषों से पीछे नहीं है। भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के लिए, टेसी थॉमस को प्रतिष्ठित “लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। वह भारत में एक बेहद प्रभावी “लॉन्ग रेंज का न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइल” विकसित करने वाली “मिसाइल वूमेन ऑफ इंडिया” के तौर पर विख्यात है।
डॉक्टर टेसी थॉमस को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिनमें–
- 2008 में वर्ष का DRDO वैज्ञानिक पुरस्कार
- 2009 में इंडिया टुडे महिला का पुरस्कार
- वर्ष 2011- 12 में DRDO प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार
- 2012 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार और Ibn इंडियन ऑफ द ईयर पुरस्कार
- 2016 में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या पुरस्कार और साइंस एंड इंजीनियरिंग में उत्कृष्ट महिला उपलब्धि पुरस्कार शामिल है।
- Dr. Tessy Thomas भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में DRDO में एक वैज्ञानिक है। एक ऐसी अकेली महिला वैज्ञानिक, जिन्होंने लंबी दूरी की परमाणु सक्षम मिसाइल अग्नि को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
टेसी थॉमस ने “Calicut University” से इलेक्ट्रिकल में “बीटेक” किया। “पुणे यूनिवर्सिटी” से “गाइडेड मिसाइल” का कोर्स किया। “ऑपरेशंस मैनेजमेंट” में MBA और “मिसाइल गाइडेंस” में “PHD” की।
टेसी थॉमस ने IAS की परीक्षा भी दी। उन का डीआरडीओ और आईएएस का इंटरव्यू एक ही दिन था। उन्होंने DRDO को चुना। वह DRDO में 1988 में शामिल हुई और लंबी दूरी की “परमाणु सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि” को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह दुनिया में “रणनीतिक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों” पर काम कर रही महिलाओं में से एक है।
टेसी थॉमस ने अपना पहला मिसाइल प्रोजेक्ट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की देखरेख में पूरा किया था। उसके बाद उन्होंने अग्नि 2, अग्नि 3, अग्नि 4, पृथ्वी, आकाश, अग्नि, नाग, धनुष, त्रिशूल और ब्रह्मोस जैसी मिसाइल के शोध में मुख्य भूमिका निभाई। अग्नि मिसाइल के सभी एडिशन को लॉन्च करने के बाद ही उन्हें “मिसाइल वूमेन” या “अग्नि पुत्री” कहा जाने लगा। टेसी असामान्य प्रतिभा की धनी है और महिलाओं के लिए एक मिसाल है। वह चाहे तो कुछ भी मुमकिन कर सकती हैं। भारत देश को अपनी इस “मिसाइल वूमेन” पर गर्व है।
टेसी थॉमस के जीवन से यह पता चलता है कि महिला घर के लिए केवल ग्रहणी नहीं है बल्कि देश को भी चला सकती हैं, परमाणु बम भी बना सकती है, मिसाइल भी लॉन्च कर सकती है। हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उनका प्रोत्साहन व उत्साह बढ़ाना चाहिए।
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