J K Rowling biography in hindi – आंखों में मंजिल थी,
गिरे, और गिर कर संभलते रहे।
हवाओं ने भी बहुत कोशिश की
मगर चिराग, आंधियों में भी जलते रहे।
रॉलिंग का जीवन परेशानियों से ही घिरा रहा, मगर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अपने जीवन से संघर्ष करती रही। जे के रॉलिंग दुनिया की सबसे मशहूर लेखिका में से एक, “Harry Potter Novel” की लेखिका हैं । जिनके लिखें हुए “सात हैरी पॉटर नावेल” पर कुल आठ फिल्म बनाई जा चुकी है। “हैरी पॉटर “को 20 वीं सदी का सबसे प्रसिद्ध नोबेल माना जाता है। इस बुक सीरीज ने दुनिया भर में बहुत सारे अवॉर्ड्स भी जीते हैं। इस की कुल 400 मिलियन से भी ज्यादा कापियां बिक चुकी हैं। इसीलिए यह दुनिया की “बेस्ट सेलिंग बुक” रह चुकी है। हालांकि अभी या दूसरे नंबर पर है और फिलहाल ग्रैंड ब्राउन द्वारा लिखी गई किताब “द विंची कोड” पहले नंबर पर है। जे के रॉलिंग ने बहुत ही कठिनाइयों से इन किताबों को लिखा और एक बार किताब पूरी हो जाने के बाद भी, इसे कोई भी पब्लिशर, इन किताबों को छापने के लिए तैयार नहीं था।
31 जुलाई 1965 को जे के रॉलिंग का जन्म”YATE ENGLAND” में हुआ। उनका पूरा नाम “JOAN KATHLEEN ROWLING” है। इनके पिता का नाम “Peter” और मां का नाम “Anne” था। रॉलिंग की एक बहन थी जिसका नाम “Dianne” था। इनके पिता एक एयरक्राफ्ट इंजीनियर थे और मां एक टेक्नीशियन थी। मगर इनका जीवन बहुत परेशानियों में बिता क्योंकि इनकी मां बीमार रहती थी और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी इसलिए वह उनके साथ नहीं रहते थे। रॉलिंग ने “सेंट माइकल प्राइमरी स्कूल” से पढ़ाई की और यही के प्रिंसिपल “Alfid” को ध्यान में रखकर, उन्होंने हैरी पॉटर के हेड मास्टर “ALBUS DUMBLEDORE” का किरदार लिखा था। रॉलिंग को शुरू से ही कहानियां लिखने का शौक था और वह बचपन से ही अजीब- अजीब सी कहानियां लिखकर अपनी बहन को सुनाती थी। रॉलिंग ने “वाइट एंड स्कूल एंड कॉलेज” से सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई की और उसी समय उन की आंटी ने उन्हें “जेसिका मिटफोर्ड” की ऑटो बायोग्राफी लाकर दी। जिस किताब का नाम “HONS and REBELS” था। इस किताब को पढ़ने के बाद रोलिंग, जेसिका की फैन हो गई। उन्होंने उनकी और भी बहुत सारी किताबें पढ़ डाली।
1982 में रॉलिंग ने “ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी” में दाखिला लेने के लिए इम्तिहान दिया, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया। इसी लिए मजबूर होकर उन्हें “EXETER UNIVERSITY” से पढ़ाई करनी पड़ी। इस यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने “AMNESTY INTERNATIONAL” नाम की एक कंपनी में सेक्रेटरी के तौर पर काम किया। फिर आगे उन्होंने मैनचेस्टर में रहकर “चेंबर ऑफ कॉमर्स” में भी काम किया। जब वह मैनचेस्टर से लंदन आने के लिए ट्रेन से सफर कर रही थी तो उनके मन में “जादूगरी के स्कूल में पढ़ने वाला एक यंगबॉय की कहानी” आई, जिसे उन्होंने अपने मन में पूरी तरह से बैठा लिया और जैसे ही वह लंदन अपने कैंपस मे पहुंची तो उन्होंने उस कहानी को तुरंत लिखना शुरू कर दिया था।
कुछ दिनों बाद ही उनकी मां की मृत्यु हो गई। रॉलिंग अपनी मां के बहुत करीब थी और फिर इस घटना का प्रभाव रनिंग के लेखन पर भी पड़ा। वह बहुत दुखी दुखी रहने लगी। लेकिन आगे चलकर उन्होंने अपने गम को भुलाने के लिए लेखन का ही सहारा लिया और अपना पूरा समय लिखने में बिताने लगी। रॉलिंग कुछ समय बाद जॉब की तलाश में पुर्तगाल चली गई, जहां उन्हें इंग्लिश पढ़ाने का काम मिला। वह रात में जॉब करती थी और दिन में लेखन का काम करती थी।
पुर्तगाल में रॉलिंग की मुलाकात जर्नलिस्ट “Jorge orent” से हुई। उन दोनों के विचार आपस में काफी मिलते-जुलते थे और उन्होंने 16 अक्टूबर 1982 को शादी कर ली। 27 जुलाई 1993 को उनकी बेटी पैदा हुई जिसका नाम उन्होंने “जेसिका” रखा। लेकिन घरेलू दुर्व्यवहार से परेशान होकर रॉलिंग ने 17 नवंबर 1993 को तलाक ले लिया। इसके बाद रॉलिंग अपनी बच्ची के साथ, अपने बहन के यहां स्कॉटलैंड रहने चली गई। इस समय तक वह हैरी पॉटर के 3 चैप्टर लिख चुकी थी। यह समय रोलिंग के लिए दुख भरा था। उनकी शादी असफल हो चुकी थी और एक बच्चे की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर थी। उनके पास कोई काम भी नहीं था, इसीलिए वह डिप्रेशन में रहने लगी। उन्होंने अपना खर्च उठाने के लिए “Welfare Benefits” का फॉर्म भरा। जिसके तहत ब्रिटिश सरकार गरीब और सिंगल पैरंट के जीवन यापन के लिए पैसे देती थी। हालांकि इन सभी परेशानियों को झेलते हुए भी उन्होंने अपने लेखन का काम कभी भी बंद नहीं किया।
आखिरकार उनकी पहली किताब “Harry Potter And The Philosopher’s Stone” पूरी हुई। 1995 में रॉलिंग ने एक पुराने टाइपराइटर की मदद से इस किताब को टाइप किया और उसे पब्लिश कराने के लिए एक पब्लिशर के पास ले गई। लेकिन वहां भी उन्हें दर-दर ठोकरें खानी पड़ी। 12 पब्लिशिंग हाउसेस ने उनके बुक को छापने के लिए मना कर दिया। रॉलिंग को अपने सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा था। एक साल बाद लंदन के एक पब्लिशिंग हाउस “Bloomsbury” इस किताब को पब्लिश करने के लिए तैयार हो गया। लेकिन वहां के एडिटर को लगता था कि वह बुक सफल नहीं हो पाएगी इसलिए उन्होंने रोलिंग को जॉब करने की सलाह भी दी।
लेकिन 26 जून 1997 को किताब पब्लिश करने के बाद तो मानो सब कुछ उल्टा हो गया। इस किताब को लोगों ने बहुत पसंद किया और फिर 5 महीने बाद ही इस किताब को “Nestle Smarties Book Award”, “British Book Award”, “Children’s Book of The Year Award” दिया गया।
इस किताब का सीक्वेल “Harry Potter The Chamber of Secrets” 2 जुलाई 1998 को पब्लिश हुआ।
और फिर 8 जुलाई 1999 में तीसरा नोवल”Harry Potter and Prisoner of Azkaban” रिलीज हुआ।
8 जुलाई 2000 को चौथा नोवल “Harry Potter And The Goblet of Fire”लांच किया गया था।इस नोवल ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और इस किताब की 372,755 कॉपियां पहले दिन ही बिक गई।
2001 में रॉलिंग ने “नील मोरे” नाम के एक डॉक्टर से दूसरी शादी की। फिर 24 मार्च 2003 को उनका बेटा “डेविड गार्डन” पैदा हुआ। 21 जून 2003 को हैरी पॉटर की पांचवी नावेल पब्लिक की गई और फिर 2004 में रोलिंग किताबें लिखकर “अरबपति बनने वाली पहली लेखिका” बनी। 16 जुलाई 2005 को छठवीं और 21 जुलाई 2007 को सातवीं और अंतिम किताब आई, जोकि सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए “The Best -Selling Books All The Time” बन गई। यूके और यूएस में रिलीज होने के पहले दिन में ही इनकी 11 मिलियन कॉपियां बिक गए और इन किताबों पर एक के बाद एक फिल्म बनती भी चली गई।
रॉलिंग ने में अपनी आमदनी में से 160 मिलियन डॉलर कई संस्थाओं में दान कर दिए। रॉलिंग दूसरी शादी करने के बाद अपने तीन बच्चों के साथ आज भी स्कॉटलैंड में रहती हैं।