Michael Jeffrey Jordan biography in hindi – “जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं वह पूरी दुनिया जीत सकते हैं।”
जिस तरह हमारे भारत देश में सचीन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है, उसी तरह अमेरिका की माइकल जॉर्डन को आज बास्केटबॉल का भगवान माना जाता है। गरीब परिवार में जन्मे इस शख्स के पास आज अरबों- खरबों रुपए की संपत्ति है। जॉर्डन ने 1982 में “Rookie Award” जीता और 1984 में उन्हें “Chicago Bulls Team” के लिए चुना गया। माइकल जॉर्डन basketball मे अमेरिका के एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले व्यक्ति हैं।
माइकल जॉर्डन(Michael Jeffrey Jordan) का जन्म 17 फरवरी 1963 को (Brooklyn) ब्रुकलिन “न्यू यॉर्क” में हुआ था। वह एक बहुत ही गरीब परिवार से थे। उनका एक छोटा सा घर था और वह हमेशा एक बड़ी सोच रखते थे और जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रयत्न करते रहते थे। माइकल जॉर्डन पिता का नाम “जेम्स” और मां का नाम “ग्लोरियस” है
माइकल जॉर्डन एक अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्होंने अब संयास ले लिया है। माइकल बहुत ही गरीब घर में पैदा हुए थे और उनका परिवार एक छोटे से झोपड़ी में रहता था। माइकल की सोच हमेशा कुछ बड़ा करने की रहती थी जिससे उनकी गरीबी की समस्या सुलझ जाए। जब वह 13 साल के थे तभी उनके पिता ने उन्हें बुलाया और एक इस्तेमाल किया हुआ कपड़ा देखकर बोले कि अच्छा बेटा यह बताओ कि इसकी कीमत कितनी होगी ? माइकल थोड़ा सोचने की बात बोला $1 का तो होगा। तभी पिता ने कहा कि कुछ भी करके बाजार जाकर तुम्हें इस कपड़े को $2 में बेचना है। कपड़े को अच्छे से धो दिया और फिर घर पर (Iron) स्त्री ना होने के कारण उन्होंने उस कपड़े को, ढेर सारे कपड़ों के नीचे सीधा करने के लिए रख दिया। अगले दिन देखा कि वह कपड़ा पहले से अच्छे दिखाई दे रहे हैं। उसके बाद उसने पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर, 5 घंटों की मेहनत के बाद कपड़े को बेच दिया और बहुत खुश होता हुआ घर आया और अपने पापा को पैसे दे दिए। 15 दिनों के बाद पिता ने फिर से उसे वैसे एक कपड़ा दिया और कहां इसे $20 में बेच कर आओ। माइकल थोड़ा आश्चर्य से बोला इसके $20 कौन देगा। पिता ने कहा एक बार कोशिश तो करो। उसने फिर से अपना दिमाग लगाया और अपने दोस्त की मदद से शहर जाकर उस कपड़े पर “Micky का स्टीकर लगा दिया, और अमीर घर वाले बच्चों की स्कूल के सामने उसे बेचने लगा। एक छोटे से बच्चे ने अपने पापा से कह कर उसे खरीद लिया छोटे बच्चे के पिता ने उस कपड़े के $5 एक्स्ट्रा टिप भी दिए। इस तरह उसने $1 की उस कपड़े को पूरे $25 में बेचा और खुशी-खुशी पापा को घर पर आकर बताया। कुछ दिनों बाद फिर से उसके पिता ने एक और कपड़ा दिया और इस बार कहा कि बेटा यह लो और इसे $200 में बेच कराओ। यह सुनकर माइकल को बहुत आश्चर्य हुआ लेकिन माइकल ने कुछ भी नहीं कहा क्योंकि हर बार वह अपने काम में सफल हो जा रहा था। इस बार उसने दो-तीन दिनों का समय लिया लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह इसका दाम $1 से बढ़ाकर $200 कैसे करें? अचानक उसके दिमाग में आइडिया आया और वह तुरंत शहर चला गया। उस दिन उस शहर में बहुत ही मशहूर एक्ट्रेस आई हुई थी। उसने पुलिस का घेरा तोड़ते हुए उस एक्ट्रेस से उस कपड़े पर ऑटोग्राफ मांगने चला गया। मासूम से बच्चे को देखकर एक्ट्रेस मना नहीं कर पाई और एक्ट्रेस ने उस कपड़े पर अपना ऑटोग्राफ दे दिया। अगले दिन बाजार जाकर उस ऑटोग्राफ वाले कपड़े को $200 में बेचने लगा और उसको खरीदने के लिए बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि उस कपड़े को खरीदने के लिए बोली लगनी शुरू हो गई और अंत में उस कपड़े को एक पैसे वाले व्यक्ति ने $2000 में खरीद लिया। इस बार वह इतने पैसे लेकर घर पहुंचा और पूरी कहानी अपने पिता को बताई तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए और वह बोले बेटा तू अपनी जिंदगी में कुछ भी कर सकता है। इसी बात को याद करते हुए माइकल ने इंटरव्यू में कहा कि “जहां पर सकारात्मक सोच होती है वहां रास्ते अपने आप बन जाते हैं। नकारात्मक सोच से कभी भी आप सकारात्मक जीवन नहीं जी सकते, इसीलिए हमेशा बड़ा सोचिए, सकारात्मक सोचिए ,आप का रास्ता खुद ब खुद बन जाएगा।”
माइकल जॉनसन हमेशा स्कूल में बास्केटबॉल ही खेला करते थे। उनके बहुत ही अच्छे खेल की वजह से उनको बहुत से विश्वविद्यालयों से स्कॉलरशिप का ऑफर आया। बहुत सोचने के बाद माइकल जॉर्डन ने अपने घर के पास रहना पसंद किया और नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय को चुना। सन 1982 में उन्होंने नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में “Atlantic Coast ConferenceACC Rocky” का अवार्ड जीता। 1984 में माइकल जॉर्डन “United States Olympic Basketball” टीम का हिस्सा बने। कैलिफोर्निया में गोल्ड मेडल जीतने के बाद माइकल ने “नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन” के जरिए दुनियाभर में बहुत नाम कमाया है। माइकल के खेल करियर में एक वक्त ऐसा भी आया था जब माइकल ने बास्केटबॉल से हटकर, बेसबॉल मे रुचि दिखाइए, लेकिन उन्होंने फिर बास्केटबॉल को ही अपने व्यवसाय खेल के तौर पर आगे बढ़ाया।
1997 में माइकल ने अपने खेल से संन्यास ले लिया इसके बाद भी वे “वाशिंगटन विजार्ड टीम” के ओनर रहे। ज्यादा समय तक माइकल अपने आप को, बास्केटबॉल से दूर नहीं रख पाए। 2001 में उन्होंने फिर से वाशिंगटन विजार्ड के लिए खेलना शुरू किया और लगातार दो वर्ष तक इस टीम का हिस्सा बना रहे। अंत में 2003 में माइकल ने खेल को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। माइकल एक खिलाड़ी तो है साथ ही वे एक सफल उद्यमी भी हैं। वह “cerlot Bobscut” नामक कंपनी के मालिक भी है। माइकल ने दो शादियां की। माइकल ने पहले शादी सितंबर 1989 में की। उनकी पहली पत्नी का नाम “जिओनिता भिनाय” था। माइकल और जिओनिता के तीन बच्चे हैं, जिनमें से दो लड़के “मार्क्स जेम्स” और “जैसी माइकल”, एक लड़की “जैस्मीन” है, जिनके साथ उनका विवाद जीवन 17 साल चला और 2006 में उनका तलाक हो गया है। माइक में जोअनीता को तलाक के बदले 1618 करोड डॉलर की राशि देनी पड़ी थी जो सन 2006 तक का सबसे बड़ा तलाक हर्जाना था। माइकल जॉर्डन ने दूसरी शादी 27 अप्रैल 2013 को “क्योंबाई मॉडल्स युवतीप्रेतों” से की। माइकल जॉर्डन “Charlotte Hornets” के मालिक थे।
cerlot Bobscuts के प्रति माइकल जॉर्डन का बहुत ही बड़ा योगदान है। 2012 -13 के समय 66 मैच खेले गए थे जिसमें से Bobscuts ने 7- 49 का रिकॉर्ड बनाया था इसको देखते हुए जॉर्डन का कहना था कि वह रिकॉर्ड से बहुत खुश नहीं है बल्कि बहुत ही निराश है। 21 मई 2013 में जॉर्डन ने, बॉब कट का नाम और hornets में बदलने का निर्णय लिया था और NBA ने इसको 17 जुलाई 2013 को मंजूरी दे दी थी।
माइकल के पिता ने माइकल को हमेशा जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दी। माइकल जॉर्डन के पिता ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है। माइकल जॉर्डन जीवन में हमेशा आगे बढ़ने का ही प्रयत्न करते थे। उनका कहना है कि “अगर आप मेरी कमजोरी को लेकर मुझे घेरने की की कोशिश करेंगे तो मैं उसी कमजोरी को अपनी ताकत में बदल दूंगा।”
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