//Sambhaji Bhide an Hindutva activist | संभाजी भिड़े
संभाजी भिड़े जीवनी - sambhaji bhide biography in Hindi

Sambhaji Bhide an Hindutva activist | संभाजी भिड़े

संभाजी भिड़े जीवनी – sambhaji bhide biography in Hindi – संभाजी भिड़े का असली नाम “मनोहर” है ।उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से न्यूक्लियर फिजिक्स में “गोल्ड मैडल” प्राप्त लिया और वहीं पर प्रोफेसर के पद पर भी रह चुके हैं।
लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने 1984 में “शिवप्रतिष्ठान” नाम का संगठन बनाया। जिसका मकसद था, शिवाजी महाराज के विचारों को फैलाना। वह शिवप्रसाद प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बुजुर्ग है। जिसे लोग “भिंडे गुरु जी” या सिर्फ “गुरु जी” कहते हैं ।

एक ऐसा व्यक्ति जो आपकी बराबर से निकल जाए तो आप का ध्यान उनकी तरफ नहीं जाएगा। वह बिल्कुल सादगी से रहते हैं। चप्पल नहीं पहनते। सफेद धोती पायजामा और गांधी टोपी लगाते हैं। साइकिल से चलते हैं।
और युवाओं में लोकप्रियता का यह आलम है कि 85 साल के संभाजी के एक इशारे पर 4 से 5 लाख लोग इकट्ठे हो जाते हैं। यही संभाजी की ताकत मानी जाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक भाषणों में संभाजी का जिक्र किया करते हैं। उनके उपलब्धियों का बखान किया करते हैं। लेकिन संभाजी ने प्रधानमंत्री मोदी को गलत ठहराया है। उनके अनुसार मोदी जी ने अपने भाषण में यह बोलकर गलती की है कि भारत ने दुनिया को शांति बनाए रखने के लिए “बुध्द” दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने “बुध्द” का उल्लेख करके गलती की है।अगर आपको दुनिया में व्यवस्था कायम रखनी है तो दुनिया के लिए बुध्द भगवान का शांति का संदेश उपयोगी नहीं है । वरन् छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज के विचारों की जरूरत होगी ।

1 जनवरी 2018 को पुणे के “भीमाकोरेगांव” में दलित व सवर्णों के बीच हिंसक झड़प हुई। यहां तक की संभाजी के ऊपर केस भी हुआ। लेकिन शिव संगठन के कार्यकर्ता उन पर लगाए आरोपों को गलत बताते हैं।

दलित हर वर्ष 1 जनवरी को इस जीत को “शौर्य दिवस” की तरह मनाते हैं साल 2008 में वह तब चर्चा में आए जब उन्होंने फिल्म “जोधा अकबर” का सांगली ,सतारा ,कोल्हापुर शहर मे जमकर विरोध किया। उसी साल उन्होंने तब भी हंगामा किया जब सांगली मे गणेश पंडाल में शिवाजी महाराज का एक चित्र लगाने से उन्हें रोका गया।

सन 2014 में जब “शिवप्रतिष्ठान” में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आना हुआ तो उन्होंने कहा कि– मैं भिंडे गुरुजी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं अपितु यहां आने का हुक्म दिया था। मैं भिंडे गुरु जी को बहुत समय से जानता हूं। उनकी सादगी, उनका कठोर परिश्रम, कर्तव्यों के प्रति समर्पण और अनुशासन आदि इनका उदाहरण हमारे सामने पेश किया जाता था।

संभाजी द्वारा भी मोदी जी के बारे में यह कहा गया कि प्रधानमंत्री बनने से पूर्व मोदी जी ,मेरे पास आशीर्वाद लेने आए थे। मोदी जी ने पहली बार लाल किले पर भगवा फेटा यानी पगड़ी बांधकर, बिना कांच के सुरक्षा चक्र के भाषण दिया था।

जब चंद्रकांत दादा पाटील ने प्रधानमंत्री से पूछा कि आप ने भगवा फेटा कैसे बांध दिया, तो मोदी जी ने जवाब में कहा कि जब मैं रामगढ़ गया था तब गुरु जी ने कहा था कि “भगवा फेटे में ही भाषण होना चाहिए। भगवा फेटे को समझो ।इस देश को हमें भगवा फेटे मे बांधना है”

संभाजी के 2 कार्यकर्ता रोज रायगढ़ किले में शिवाजी की पूजा करने जाते हैं ।उन्होंने रायगढ़ जिले में सोने का सिंहासन बनाने का संकल्प लिया है ।जिसमें करीब 144 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल होगा।
संभाजी भिड़े 85 साल के युवा है। वह आज तक किसी राजनीतिक झंडे के नीचे नहीं आए ।इन्हें गुरुजी के नाम से भी संबोधित किया जाता है।

 

You may also like:

Life of Sushant Singh Rajput

Ex President of India – प्रणब मुखर्जी