हार्दिक पांड्या जीवनी – Hardik Pandya biography in hindi – भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या अपनी शानदार बैटिंग और बॉलिंग का लोहा सारी दुनिया में मनवा चुके हैं। वह अपने कैरियर में काफी सफल है। उन्होंने काफी लंबे संघर्ष और मेहनत के बाद इस मुकाम को हासिल किया है। हार्दिक के बारे में विरेंद्र सेहवाग कहते हैं कि- “जब तक हार्दिक मैदान पर है तब तक वह अकेले ही मैच को जिताने का दम रखते हैं”। वीरेंद्र सहवाग की इस बात को उन्होंने कई बार सही साबित भी किया है। चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल मैच में इस खिलाड़ी के हुनर को सभी जान चुके हैं। टीम इंडिया उस मैच को पाकिस्तान से बहुत बुरी तरीके से हार गई थी, लेकिन पांड्या की बैटिंग ने सबका दिल जीत लिया था और भारतीय टीम के हारने के बाद भी हर जगह हार्दिक पांड्या का ही नाम था।
हार्दिक पांड्या का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को गुजरात के “सूरत” में हुआ था। उनके पिता का नाम “हिमांशु पांड्या था, जो एक छोटा सा कार फाइनेंस का बिजनस चलाते थे। हार्दिक के अलावा उनके एक बड़े भाई “कृणाल पांड्या” भी हैं। बचपन से ही दोनों भाइयों में क्रिकेट के खेल को लेकर एक अलग ही जुनून था। घर की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं थी परंतु अपने दोनों बेटों का क्रिकेट के प्रति झुकाव देखकर उनके पिता सूरत से बड़ौदा शिफ्ट हो गए। उन्होंने वहां अपने दोनों बेटों को भारत के पूर्व क्रिकेटर “किरण मोरे की क्रिकेट अकैडमी” में दाखिला दिलवा दिया। उस समय हार्दिक पांड्या की उम्र 5 साल और उनके बड़े भाई कुणाल की उम्र करीब 7 साल थी। क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लेने के बाद दोनों भाइयों ने बहुत ही जल्दी अच्छी क्रिकेट खेलने शुरू कर दी और उन्होंने किरण मोरे को अपने खेल से काफी प्रभावित किया। जिसके बाद मौर्य ने भी उनके कमजोर आर्थिक हालत को देखते हुए, उनके अगले 3 साल की फीस माफ कर दी।
हार्दिक पांड्या ने “एम के हाई स्कूल” से केवल नौवीं तक की पढ़ाई की और फिर उन्होंने क्रिकेट को अपना पूरा समय देने के लिए पढ़ाई बीच में छोड़ दी।
बहुत ही जल्द हार्दिक पांड्या ने प्रोफेशनल क्रिकेट में अपने कदम रख दिए और बड़ौदा की तरफ से खेलते हुए 2013 -14 के “सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी” की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। अगले साल उनके जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें “मुंबई इंडियंस” की तरफ से खेलने का मौका दिया गया और उन्होंने अपने पहले ही मैच में आरसीबी (RCB) के खिलाफ दूसरी ही गेंद पर छक्का जड़ दिया। परंतु उनके असली हुनर की पहचान तब हुई, जब “चेन्नई सुपर किंग” के खिलाफ उन्होंने सिर्फ़ 8 गेंदों में 21 रनों की तेज पारी खेली और तीन महत्वपूर्ण कैच भी पकड़े। उस मैच के लिए हार्दिक पांड्या को “मैन ऑफ द मैच” चुना गया।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने हार्दिक के प्रदर्शन को देखते हुए कहा कि- तुम अगले डेढ़ साल में भारतीय टीम के लिए जरूर खेलोगे। सचिन की यह भविष्यवाणी भी जल्दी सच हो गई और सिर्फ 1 साल के अंदर 27 जनवरी 2016 को पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ “T20 इंटरनेशनल” में डेब्यू किया, जिस मैच में उन्होंने दो विकेट लिए। उसी साल 16 अक्टूबर को हार्दिक पांड्या ने धर्मशाला के मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना ओडीआई (ODI) डेब्यू भी किया। इस मैच में 3 विकेट लेते हुए उन्होंने भारत की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और साथ ही वह भारत के चौथे ऐसे खिलाड़ी बने, जिन्हें अपने डेब्यू मैच में ही “मैन ऑफ द मैच” के खिताब से नवाजा गया। इसके अलावा उनकी 18 जून की पारी में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ 43 गेंदों पर 76 रनों की धुआंधार पारी खेली।
1 जनवरी 2020 को हार्दिक पांड्या ने सोशल मीडिया में अपने चाहने वालों को बताया कि वह और नताशा एक दूसरे से प्यार करते हैं और जल्द ही शादी करने वाले हैं।
अभी तो यह हार्दिक की कैरियर की शुरुआत है, लेकिन उनमें वह काबिलियत साफ दिखाई देती है जिससे वह आगे चलकर इतिहास रच सकते हैं। हार्दिक के बड़े भाई कृणाल पांडेय भी एक प्रोफेशनल ऑलराउंडर खिलाड़ी है। वह बड़ौदा और मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं। वैसे तो हार्दिक पांड्या एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए और उनके घर की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन अपने संघर्षों से उन्होंने बहुत ही जल्द भारतीय क्रिकेट की टीम में अपनी जगह बना ली और सभी को दिखा दिया कि अगर दिल से हम कुछ करना चाहे तो इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं ।
कहते हैं ना–
” किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की साजिश में लग जाती है।”