//Isaac Newton – English physicist and mathematician / इसाक न्यूटन
इसाक न्यूटन जीवनी - Isaac Newton biography in hindi

Isaac Newton – English physicist and mathematician / इसाक न्यूटन

इसाक न्यूटन जीवनी – Isaac Newton biography in hindi – “गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत” देने वाले  महान वैज्ञानिक इसाक न्यूटन का कहना है कि –“कोई भी खोज बिना सोच के नहीं की जा सकती”| न्यूटन ने अपनी सोच के दम पर इस विश्व को ऐसे ऐसे सिद्धांत दिए  जिनके बिना  हम विज्ञान के बारे में सोच भी नहीं सकते |न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की | उन्होंने बताया कि गुरुत्वाकर्षण  एक शक्ति है जो हर चीज को अपनी ओर खींचती है और इसी बल की वजह से चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का| इसके अलावा न्यूटन की गति के तीन नियम Law of Motion  फिजिक्स में सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाते हैं |इन नियमों  को एक साइकिल बनाने से लेकर हवाई जहाज बनाने तक अपनाया  जाता है| इसके अलावा भी उन्होंने बहुत सारी खोज की |

 सर इसाक न्यूटन का जन्म सन 25 दिसंबर सन 1682 को एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था|  उनके पिता की मृत्यु उनके दुनिया में आने से पहले ही हो गई थी | न्यूटन कमजोर पैदा हुए थे और उन्हें बचा पाना लगभग नामुमकिन था| लेकिन ऊपर वाले ने न्यूटन को, महान कार्य करने के लिए जीवित रखा और बहुत मुश्किल के बाद उनकी जान बचाई जा सकी|  इसाक न्यूटन का नाम उनके पिता के नाम पर रखा गया था|
 जब न्यूटन 3 साल के थे तब उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी| लेकिन उनके सौतेले पिता न्यूट्रॉन को, बिल्कुल भी पसंद नहीं थे इसलिए उनकी मां ने उन्हें, उनके दादा-दादी के पास छोड़ दिया  और उनकी मां अपने दूसरे पति के साथ रहने लगी| न्यूटन बचपन से ही बहुत ही गुस्सेल और जिद्दी स्वभाव के थे| उनके कोई दोस्त नहीं थे | लोग उन्हें पागल बोलते थे | वह चांद तारों के बारे में सोचते थे और अपने दादा दादी से इससे संबंधित प्रश्न पूछते रहते थे लेकिन उनके प्रश्नों के उत्तर  वह नहीं दे पाते थे क्योंकि उस समय विज्ञान में बहुत कम खोज हो पाई थी |
12 वर्ष उम्र में उन्होंने स्कूल जाना शुरू किया था| वे पढ़ने में अच्छे नहीं थे और पढ़ाई में कमजोर होने के कारण बच्चे स्कूल में उनका मजाक उड़ाते थे| इस बात को लेकर उनका रोज स्कूल में झगड़ा होता रहता था ,जिसकी वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया|
इसी बीच उनके सौतेले पिता की मृत्यु हो गई और न्यूटन वापस अपनी मां के पास आ गए| उनके घर में आमदनी ना होने की वजह से खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था| इस वजह से न्यूटन की मां चाहती थी कि वह खेती कर ले और अपना घर संभाले |लेकिन न्यूटन का मन खेती मे बिल्कुल भी नहीं लगता था |
उनकी मां ने ,स्कूल की प्रिंसिपल से बात करके उनका  फिर से स्कूल मे दाखिला करा दिया |लेकिन इस बार न्यूटन ने उन सब से बदला लेने की सोची ,जिसकी वजह से वे स्कूल से निकाले गए थे |उन्होंने पूरी मेहनत से पढ़ाई करना शुरू कर दिया और जल्दी ही स्कूल के होनहार विद्यार्थियों में  गिने जाने लगे
  सन् 1661 में अपने अंकल के माध्यम से “Trinity College Cambridge” में दाखिला मिल गया | वहां वह अपनी फीस भरने के लिए और अपने खर्चों को चलाने  के लिए कॉलेज के अमीर विद्यार्थियों के यहां काम करने लगे|
1664 मे उन्हें अपने कॉलेज से ही  स्कॉलरशिप मिली, जिसकी वजह से अपनी पढ़ाई और रिसर्च पर ज्यादा ध्यान दे सकते थे|  फिर उन्होंने 1665 में कॉलेज में ही “Mathamatical Law”  की खोज की|  जिसे बाद में “Calculus” का नाम दिया गया |फिर B A की पढ़ाई पूरी की |और M A  में दाखिला लेने की सोची लेकिन एडमिशन के समय ही अचानक लंदन में प्लेग की बीमारी फैल गई| जिससे शहर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया |
वह अपनी मां के पास वापस घर आ गए| और घर पर ही अगले 2 सालों तक” Law of Motion” और “Law of Gravity”  के सिद्धांत पर काम करना शुरू कर दिया |देखते ही देखते अगले कुछ सालों में उन्होंने सफलता पा ली और दुनिया  को दिखा दिया कि जिद्दी, गुस्सैल, और पागल  लड़का अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है |अपने सिद्धांतों से दुनिया को बदलने के बाद 20 मार्च 1727 को लंदन के एक शहर में न्यूट्रॉन की मृत्यु हो गई | न्यूटन के महान सिद्धांतों की वजह से ही ,आज भी  नई खोज  संभव हो पाती है | आज के वैज्ञानिक भी न्यूटन की खोज को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं और उन्हीं के सिद्धांतों पर काम करते हैं |
मनुष्य अपने विचारों से बना होता है| जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है| अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखिए क्योंकि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है|
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