//Ravindra Jadeja – Indian International Cricketer / रविंद्र जडेजा
Ravindra Jadeja biography in hindi

Ravindra Jadeja – Indian International Cricketer / रविंद्र जडेजा

Ravindra Jadeja biography in hindi – “मिल सके आसानी से, उसकी ख्वाहिश किसे है।
जिद तो उसकी है, जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं।

एक अद्भुत ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा, आज के समय में भारतीय क्रिकेट टीम के एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने अपने जादुई गेंदबाजी से “आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग” में पहले स्थान पर कब्जा जमा रखा था। भारत में क्रिकेट के खेल को लेकर लोग जितने दीवाने हैं उतने वह किसी भी दूसरे खेल को लेकर नहीं है। भारत में क्रिकेट को लोग अपनी निजी भावनाओं से जोड़ कर रखते हैं। इन सभी बातों से पता चलता है कि 125 करोड़ की आबादी वाले इस देश में, राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेलना कोई छोटी बात नहीं है। एक गरीब घर की लड़के के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना तो असंभव सा लगता है लेकिन रविंद्र जडेजा ने अपने जुनून, लगन और परिवार के सहयोग से असंभव को भी संभव कर दिखाया है।

रविंद्र जडेजा (wiki) का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर जिले के “Navagamghed” नामक जगह पर हुआ था। उनके पिता का नाम “अनिरुद्ध सिंह जडेजा” था। वह अपने परिवार का गुजारा करने के लिए एक प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में चौकीदार का काम करते थे। रविंद्र की मां का नाम “लता” था। वह एक घरेलू महिला थी जिन्होंने घर की परिस्थितियां खराब होने के बाद भी पूरे परिवार की देख रेख बहुत ही प्रभावशाली ढंग से की थी। जडेजा के अलावा उनकी दो बहने “नैना” और “पद्मिनी” भी हैं।

जडेजा को क्रिकेट का शौक तो बचपन से ही था। भारत में यह तो बहुत ही आम बात है क्योंकि हर गली में सैकड़ों बच्चे क्रिकेट खेलते दिखाई दे ही जाएंगे। लेकिन इतनी गरीबी में जिंदगी गुजारने के बाद भी जडेजा के माता-पिता ने उनका क्रिकेट, एक गली तक सीमित नहीं रहने दिया। घर की परिस्थितियां अच्छी ना होने के बावजूद उन्होंने जडेजा को प्रोफेशनल क्रिकेट सिखाने के लिए “क्रिकेट एकेडमी” में दाखिला करवाया। भारत में क्रिकेट को कैरियर के रूप में देखना सबसे बड़ा रिस्क माना जाता है क्योंकि अगर आपने क्रिकेट को अपना समय दे दिया तो पढ़ाई की तरफ से ध्यान हट जाता है। अगर पढ़ाई में आपका ध्यान नहीं लगा और क्रिकेट के खेल में भी आप नहीं चुने गए तो, ज्यादातर चांस होते हैं कि पूरी जिंदगी खराब हो जाए। इसीलिए बहुत ही कम लोग अपने बच्चों का कैरियर, क्रिकेटर के तौर पर देखते है। लेकिन जडेजा के माता-पिता उन लोगों में से थे जिन्हें अपने बच्चे की काबिलियत (passion) पर पूरा भरोसा था। जडेजा की मां का सपना था कि उनका बेटा भारत की “नेशनल क्रिकेट टीम” के लिए खेले।

दुर्भाग्य से 2005 में एक्सीडेंट के दौरान जडेजा की मां इस दुनिया को छोड़ कर चली गई। इस दर्दनाक घटना से जडेजा पूरी तरह टूट गए। मां के इस दुनिया में न रहने का दुख जडेजा को इतना हो गया था कि उन्होंने क्रिकेट तक को छोड़ने का फैसला कर लिया। लेकिन कुछ दिनों तक दुखी रहने के बाद फिर से उन्होंने अपने आप को संभाला और अपने मां के सपने को पूरा करने के लिए जी जान से जुट गए। जडेजा के कोच बताते हैं कि जडेजा शुरू से ही सबसे पहले अभ्यास करने के लिए आते थे और सभी के जाने के बाद ही वहां से जाते थे। उनका कहना था कि उनकी लगन और परिश्रम को देखकर मुझे पक्का विश्वास था कि जडेजा नेशनल टीम के लिए एक दिन जरूर खेलेगा। आखिरकार जडेजा की लगन और प्रैक्टिस ने जल्दी अपना जलवा दिखाया। 2005 के दौरान 16 साल की उम्र में उनका सिलेक्शन भारत के “अंडर-19 क्रिकेट टीम” में किया गया। उसके बाद अगले साल श्रीलंका में होने जा रहे “अंडर-19 विश्व कप” के लिए उन्हें टीम में खिलाया गया और उस विश्व कप में भी उनका परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा।

2008 में जडेजा को”आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स” द्वारा चुना गया और जडेजा ने भी उनके चुनाव को सही साबित करते हुए जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आखिरकार उन का शानदार परफॉर्मेंस किसी से भी छुपा नहीं रहा और उनका चयन भारत के “नेशनल टीम” में, श्रीलंका में होने जा रहे “वनडे सीरीज” के लिए किया गया।

आठ फरवरी 2009 को “वनडे सीरीज” के फाइनल में उन्हें खेलने का मौका दिया गया। जहां उन्होंने नाबाद 60 रनों की पारी खेली। इसी मैच के साथ उन्होंने अपनी मां का सपना साकार किया। लेकिन उसी साल “टी-20” में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी धीमी पारी के लिए उन्हें लोगों की आलोचना भी झेलनी पड़ी और उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। लेकिन कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने रविंद्र जडेजा का साथ दिया और उन्हें फिर से मैच खेलने का मौका दिया और इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रविंद्र जडेजा गेंदबाजी और बल्लेबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए।

जडेजा ने 17 अप्रैल 2016 को उन्होंने मेकेनिकल इंजीनियर “रीवाबी सोलंकी” से शादी की। रविंद्र जडेजा एक ऐसे परिवार से थे, जहां पर क्रिकेट में कैरियर बनाने का सोचना भी एक बहुत बड़ी बात थी। लेकिन उन्होंने अपने लगन, परिश्रम और सकारात्मक सोच से असंभव को भी संभव कर दिखाया ।

“मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं है
फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते हैं।
अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की
तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।”

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