Yogi Adityanath biography in hindi – गेरुआ लिबास, माथे पर लाल तिलक, चेहरे पर लालिमा के साथ ओज और भाषा शैली ऐसी की विरोधी पस्त हो जाएं, प्रखर राष्ट्र वादक के नायक कुछ ऐसी ही पहचान है, हिंदू हृदय सम्राट महंत आदिनाथ की।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) का असली नाम “अजय सिंह बिष्ट” है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में Bsc किया है। वह गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। योगी आदित्य नाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व “महंत अवैधनाथ” के उत्तराधिकारी हैं जो “हिंदू युवा वाहिनी” के संस्थापक भी हैं जो कि हिंदू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक व राष्ट्रवादी समूह है।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने कम उम्र में ही यौगिक षट्कर्म, हठयोग, स्वरूप एवं साधना, राज्य योग तथा हिंदू राष्ट्र नेपाल, नाम की पुस्तकें लिखी। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक “युगवाणी” के प्रधान संपादक हैं तथा “हिंदवी सांप्रदायिक” समाचार पत्र के भी प्रधान संपादक रहे हैं।
महंत अवैध नाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ जी का राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। 1998 में गोरखपुर से 12 वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद तक पहुंचे। वह सबसे कम 20 वर्ष की उम्र के, पहली बार सांसद बने। 1998 से लगातार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में “BJP” के बड़े चेहरे माने जाते हैं।
2014 में पांचवी बार योगी आदित्यनाथ सांसद बने। संसद में सक्रिय उपस्थिति और संसदीय कार्यों में रूचि लेने के कारण योगी आदित्यनाथ को केंद्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय की स्थाई समिति के सदस्य और गृह मंत्रालय के सलाहकार समिति, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालयों की समिति के सदस्यों के रूप में समय-समय पर नामित किया।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने राजनीति के मैदान में आते ही “हिंदू युवा वाहिनी” का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। कट्टर हिंदुत्व की राह पर उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए जो चर्चा का विषय बने। सनसनी पैदा करने वाले बयानों के बीच योगी की ताकत लगातार बढ़ती रही।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) के सियासी जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि वह जहां खड़े होते थे सभा शुरू हो जाती है। वह जो बोल देते हैं उनके समर्थकों के लिए कानून बन जाता है। इतना ही नहीं होली और दीपावली त्यौहार कब मनाए जाएंगे इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से ऐलान करते हैं। इसीलिए गोरखपुर में हिंदुओं के त्यौहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं। गोरखपुर और आसपास के इलाकों में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है। भारतीय जनता पार्टी में भी उनकी जबरदस्त धाक है। इसका प्रमाण है कि पिछले लोकसभा चुनाव में, प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी ने हेलीकॉप्टर मुहैया कराया था।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनके के दुश्मन भी पैदा हुए। 7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वे बाल-बाल बचे थे। यह हमला इतना बड़ा था कि 100 से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। यही नहीं योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान, गिरफ्तार किया गया। मुस्लिम त्योहार मोहर्रम के दौरान एक हिंदू युवा की जान चली गई थी जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह से जख्मी है। अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ को उस जगह जाने से मना कर दिया, लेकिन योगी आदित्यनाथ उस जगह जाने पर अड़ गए। तब उन्होंने शहर में कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करने की घोषणा की, लेकिन अधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन पर कार्यवाही का असर हुआ और “मुंबई गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस” के कुछ डिब्बे जला दिए गए। जिन का आरोप उनके संगठन हिंदू वाहिनी पर लगा। उनकी गिरफ्तारी के अगले दिन, जिलाधिकारी और पुलिस का तबादला हो गया। अपनी पीठ की परंपरा के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जन जागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत जैसी भेदभाव कारी रूढ़ियों पर, जमकर प्रचार किया।
योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) जी ने हिंदू समाज को संगठित कर, राष्ट्रवादी शक्ति के माध्यम से, हजारों हिंदुओं की घर वापसी भी करवाई। गौ रक्षा के लिए आम लोगों को जागरूक करके, गौ रक्षा का संरक्षण और संवर्धन करवाया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने में योगी आदित्यनाथ ने सफलता हासिल की। उनके “हिंदू पुनर्जागरण अभियान” से प्रभावित होकर गांव, देहात और शहर में बैठे युवाओं ने इस अभियान में स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर दिया।
बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी आदित्यनाथ धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से देश की सेवा में लगे हुए हैं।
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