Tom Monaghan biography in hindi – “मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को कुछ भी नहीं मिलता जिंदगी में
लड़ने वालों के कदमों में सारा जहां होता है।”
डोमिनोस पिज़्ज़ा एक अमेरिकन पिज़्ज़ा रेस्टोरेंट्स चेन है। यह मैकडॉनल्ड्स के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेस्टोरेंट्स चेन है। डोमिनोस के संस्थापक टॉम मोनाघन है जिन्होंने 1960 में $900 में एक छोटे से पिज़्ज़ा स्टोर को खरीदकर इसकी शुरुआत की थी। कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपनी मेहनत और इच्छा शक्ति से उन्होंने डोमिनोस को इस मुकाम पर पहुंचाया । एक समय ऐसा भी आया था जब टॉम मोनाघन दिवालियापन के कगार पर पहुंच गए थे लेकिन अपने धैर्य संयम और काम के प्रति ईमानदारी से ना केवल वह उस विपत्ति से बाहर निकले बल्कि “30 मिनट गारंटीड पिज़्ज़ा” की दूरदर्शी सोच से सफलता के शिखर तक पहुंच गए।
डोमिनोस पिज़्ज़ा की शुरुआत दो भाइयों ने मिलकर 1960 में एक छोटे से पिज़्ज़ा की दुकान से की थी। डोमिनोस के संस्थापक टॉम मोनाघन को माना जाता है। जिनका जन्म 25 मार्च 1937 को अमेरिका के “मिशिगन” (Michigan ) में हुआ था।
टॉम मोनाघन के पिता क्रिसमस की संध्या पर चल बसे। उस समय टॉम मोनाघन की उम्र महज 4 वर्ष की थी। परिवार पर आए आर्थिक संकट के कारण उनकी मां उन्हें और उनके भाई को मिशिगन में स्थित “सेंट जोसेफ होम अनाथालय” में छोड़कर नर्सिंग कोर्स करने चली गई।”सेंट जोसेफ होम अनाथालय” में मोनाघन करीब 6 वर्ष तक रहे। वह सिस्टर मैरी वराड़ा के काफी करीब थे और उन्हें अपनी गुरु तथा परामर्शदाता भी मानते थे। उनके सानिध्य में टॉम के मन में कैथोलिक धर्म के प्रति आस्था और चर्च के प्रति प्रेम जागृत हुआ।
उनका ज्यादातर बचपन अनाथालय और रिश्तेदारों के घर पर बीता। इतने कठिनाई भरे बचपन में भी उन्होंने हार नहीं मानी और कॉलेज जाने तक, किसी न किसी तरीके से अपने पढ़ाई लिखाई का जुगाड़ कर लिया। फिर कॉलेज पूरा करने के बाद उन्होंने छोटी-छोटी नौकरी शुरू कर दी ताकि है कुछ पैसे जुटा सकें। छोटी मोटी नौकरियों से पैसे इकट्ठे हो जाने के बाद थोड़ा कर्ज लेकर उन्होंने अपने भाई के साथ मिल मिशिगन शहर में एक छोटी सी पिज्जा की दुकान खोली। जिसका नाम उन्हें “डोमिनिक्स पिज़्ज़ा”(DOMINIC’S PIZZA) रखा। लेकिन 8 महीने बाद ही उनके भाई जेम्स ने उनका साथ छोड़ दिया और वह अलग हो गए। जेम्स दुकान के साथ-साथ नौकरी भी किया करते थे और उन्हें दोनों काम करना मुश्किल हो रहा था। अपने भाई जेम्स के के जाने के बाद टॉम को दुकान संभालने में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन बहुत जल्दी ही टॉम मोनाघन ने बखूबी इस काम को अंजाम दिया और होम डिलीवरी की शुरुआत करते हुए उन्होंने अपनी बिक्री को आठ गुना तक बढ़ा दिया। उन्होंने अपने पिज़्ज़ा के मैन्यू में काफी अलग अलग तरह की पिज़्ज़ा भी बढ़ा दिए और लोगों ने भी इस बदलाव को दिल से पसंद किया। जैसे जैसे फायदा हुआ तो टॉम ने अपने बिजनेस को भी बढ़ाना शुरू कर दिया।
अप्रैल 1967 में मोनाघन ने “डोमिनोस की फ्रेंचाइजी” प्रारंभ की। 1969 तक विभिन्न स्थानों पर 12 पिज़्ज़ा स्टोर खोल दिए। प्रति सप्ताह एक पिज़्ज़ा स्टोर की गति से वह पिज़्ज़ा स्टोर खोलते जा रहे थे। जिसे संभालना उनके बस के बाहर होने लगा। दुर्भाग्यवश उसी समय उनके मुख्य पिज़्ज़ा स्टोर में आग लग गई जिसके बाद हुए घाटे से टॉम मोनाघन दिवालिया की कगार तक पहुंच गए। वह 1.4 मिलीयन डॉलर के कर्ज में डूब चुके थे, और 140 लेनदारो अपनी कर्ज की वसूली के लिए आ गया। बैंक ने डोमिनोज पर कब्जा कर लिया और मोनाघन के स्थान पर मूल फ्रेंचाइजर बन गया। अब सारी फ्रेंचाइजी की रॉयल्टी राशि बैंक को जाने लगी। बैंक डोमिनोस को बेच देना चाहता था। लेकिन कोई खरीदार इसे खरीदने को तैयार नहीं था। इधर अच्छे मैनेजर के अभाव में बैंक के लिए डोमिनोस को चलाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में टॉम मोनाघन ने बैंक के सामने खुद को नौकरी पर रखने का प्रस्ताव रखा जिसे बैंक ने स्वीकार कर लिया। बैंक ने उन्हें $200 प्रति सप्ताह के वेतन पर रख लिया। अपने ही द्वारा प्रारंभ की गई कंपनी में मोनाघन अब नौकरी करने लगे लेकिन उनका लक्ष्य कंपनी को फिर से प्राप्त करना था। जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत करने लगे। 1971 में बैंक वालों ने मान लिया कि डोमिनोस का डूबना तय है। बैंक ने एक स्टोर के बदले मोनाघन को डोमिनोस के सारे शेयर लौटा दिए इस तरह मोनाघन ने अपनी कंपनी फिर से प्राप्त कर ली।
मोनाघन ने फिर से अपनी कंपनी स्थापित करने का निर्णय लिया। उन्होंने पांच स्टोर अपने पास रखें बाकी अपने प्रतिद्वंदी “Detroit sce dinos” को बेच दिया। जिससे उस इलाके में DINO’S सबसे बड़ा पिज़्ज़ा चेन बन गया। 5 स्टार्स के साथ मोनाघन ने फिर से शुरुआत की। धीरे धीरे उन्होंने बैंक का कर्जा उतारने के बाद कंपनी का विस्तार किया। इस बार उन्होंने पहली वाली गलती ना दोहराते हुए विस्तार की गति धीमी रखी और पूरे सर्वे के बाद ही उपयुक्त स्थान पर पिज़्ज़ा चेन का विस्तार किया।
पिज़्ज़ा व्यवसाय में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए टॉम मोनाघन ने होम डिलीवरी की सुविधा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। 1973 में एक नई स्कीम लागू की “30 मिनट में गारंटीड पिज़्ज़ा“। इस स्कीम में 30 मिनट में डिलीवरी ना किए जाने की स्थिति में एक पिज़्ज़ा फ्री में दिया जाता था। डिलीवरी मैन को भी बोनस प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता था। यह स्कीम काम कर गई और डोमिनोस ने फिर से अपने ग्राहकों पर पकड़ बना ली। इस तरह 30 मिनट में गारंटीड पिज़्ज़ा की स्कीम के दम पर डोमिनोस ने मार्केट में अपना सिक्का जमा लिया।
1973 तक टॉम मोनाघन ने 13 स्टेट्स में, 76 स्टोर चल रहे थे। 1978 में यह संख्या बढ़कर 200 स्टोर तक पहुंच गई। 1981 में 482 स्टोर और 1984 तक 942 स्टोर तक संख्या पहुंच गई। प्रतिवर्ष 40% की दर से लाभ अर्जित करते हुए डोमिनोस पिज़्ज़ा, मैकडॉनल्ड के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी पिज़्ज़ा चेन कंपनी बन गई। 1983 में टॉम मोनाघन इतने धनवान हो चुके थे कि उन्होंने अपने बचपन का सपना पूरा करते हुए अपनी पसंदीदा बेसबॉल टीम “डेट्रॉइट टाइगर” (DETROIT TIGER) को 43 मिलियन डॉलर में खरीद लिया। उनकी डेट्रॉइट टाइग टीम ने 1984 में विश्व सीरीज पर भी कब्जा किया।
1989 में उन्होंने डोमिनोस के प्रेसिडेंसी पूर्व वाइस प्रेसिडेंट “डेविस ब्लॉक” को सौंप दी और स्वयं कंपनी के “CEO” बने रहे। 1992 में उन्होंने अपनी बेसबॉल टीम भी अपने प्रतिद्वंदी को बेच दी और अपना अधिकांश समय चर्च संबंधी गतिविधियों में लगाने लगे। इस तरह कम पढ़ा लिखा व्यक्ति अपनी मेहनत, इच्छा शक्ति और दूरदर्शिता के बलबूते एक छोटे से पिज़्ज़ा स्टोर को विश्व की दूसरी सबसे बड़ी चेन बनाने में सफल हुआ। आज इस कंपनी के 6,000 से ज्यादा फ्रेंचाइजी है और विश्व के 64 देशों में इसके स्टोर संचालित हैं। 2017 में डोमिनोस की नेट कमाई 214.68 मिलियन डॉलर रही।
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