Johnny Lever biography in hindi – जॉनी लीवर भारतीय सिनेमा में एक ऐसे कॉमेडियन है, जो अपने अलग अंदाज में कॉमेडी करने से हर दिल के अजीज बनें है। हमारे देश के हर सिनेमा में जॉनी लीवर और उनकी कॉमेडी को पसंद किया जाता है। एक लंबे वक्त तक जॉनी लीवर ने अकेले बॉलीवुड पर राज किया। डायरेक्टर अपनी फिल्म को हिट करवाने के लिए जॉनी लीवर को अपने फिल्म का हिस्सा जरूर बनाते थे। जॉनी लीवर के लिए फिल्मों में स्पेशल, अलग से किरदार लिखे जाने लगे थे। इन्होंने हिंदी, पंजाबी, मराठी, तमिल, तेलुगू, बंगाली और भोजपुरी फिल्मों में काम किया।
जॉनी लीवर पर एक अलग से टीवी शो भी बना। जिसका नाम “JOHNY Aalare” था। यह शो Zee TV पर प्रसारित होता था। जॉनी लीवर रियलिटी शो में बतौर जज भी नजर आए। इनके जबरदस्त कॉमेडी टाइम, इनकी शानदार एक्टिंग और इनके लाजवाब चेहरे के हाव भाव से, उन्होंने जबरदस्त कामयाबी हासिल की। “सर जॉन प्रकाश राव” भारतीय सिनेमा में कॉमेडी की एक अलग पहचान बनाने वाले शख्स है, जिन्हें लोग “जॉनी लीवर” के नाम से जानते हैं। जॉनी लीवर 3300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम करते हुए, अपने यूनिक एक्टिंग और मिमिक्री के दम पर असंख्य लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला चुके हैं। उनके इन्हीं योगदान की वजह से 13 बार उन्हें “फिल्मफेयर अवार्ड” से भी सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन जॉनी लीवर का यह सफर इतनाा आसान भी नहीं था। उन्होंने कठिन मेहनत और संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया है।
जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1956 को आंध्र प्रदेश के “प्रकाशम” जिले में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। जॉनी लीवर मुंबई के किंग सर्कल धारावी में बढ़े हुए, जहां उनके पिता “हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री” में मजदूर के तौर पर काम करते थे। जॉनी लीवर ने “आंध्र शिक्षा सोसायटी” से सातवीं तक की पढ़ाई की। इसी दौरान घर के हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे और उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और फिर अपना पेट पालने के लिए उन्होंने मुंबई के सड़कों पर पेन बेचने का काम शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने पिता के साथ “हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री” में भी मजदूरी की और यहीं पर उनका नाम “जॉन प्रकाश राव” से “जॉनी लीवर” हो गया।
जॉन प्रकाश काम के समय अपने फैक्ट्री के बड़े अधिकारियों की मिमिक्री करके वहां काम कर रहे वर्कर्स का मनोरंजन करते थे और इस तरह से वहां के लोग जॉन प्रकाश राव को प्यार से जॉनी लीवर बुलाने लगे। तभी से जॉन प्रकाश जॉनी लीवर के नाम से जाने जाते हैं। जॉनी लीवर के एक्टिंग से उनके साथी कर्मचारियों के साथ ही साथ फैक्ट्री के अधिकारी भी काफी प्रभावित थे । जब कभी भी कंपनी में कोई फंक्शन होता था तो उसमें जॉनी को स्टेज परफॉर्मेंस के लिए जरूर बुलाया जाता था। जॉनी लीवर भी अब अपने टैलेंट को पहचानने लगे थे और उन्होंने कंपनी में काम करने के साथ ही साथ छोटे-छोटे ऑर्केस्ट्रा शो में भी काम करना शुरू कर दिया। जब इन सब से एक अच्छी रकम आने लगी तो उन्होंने 1981 में कंपनी छोड़ दी और अपना पूरा समय अपने टैलेंट को और भी इंप्रूव करने में लगा दिया। उसके बाद अपनी मेहनत और लगन से धीरे-धीरे वह स्टेज शो में एक सफल कलाकार के रूप में उभर कर सामने आए।
1982 में उन्होंने अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस अमिताभ बच्चन के साथ किया। जॉनी लीवर स्टेज परफॉर्मेंस में काफी मशहूर हो गए थे लेकिन फिल्म जगत में वह अभी भी कदम रखने में सफल नहीं हो सके थे। तभी एक शो के दौरान डायरेक्टर सुनील दत्त ने उनके टैलेंट को पहचाना और पहली बार “दर्द का रिश्ता” फिल्म के लिए उन्हें साइन कर लिया। उसके बाद जॉनी लीवर “जलवा” फिल्म में नसरुद्दीन शाह के साथ भी देखे गए। लेकिन उन्हें असली सफलता 1993 में सुपरहिट फिल्म “बाजीगर” से मिली। फिर उसके बाद से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी एक ऐसी छाप छोड़ी कि अगले कुछ सालों तक लगभग सभी फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर के रूप में नजर आए।
जॉनी लीवर की शादी “सुजाता” नाम की लड़की से हुई। और सुजाता से उनके दो बच्चे हुए। जिसमें बेटे का नाम “Jaess” और बेटी का नाम “Jamie” है। Jamie भी एक स्टैंड अप कॉमेडियन है और अभी हाल ही में कपिल शर्मा के साथ “किस किसको प्यार करूं” फिल्म में भी दिखाई थी।
जॉनी लीवर भले ही आज सफल कलाकार हो गए हैं। उनके पास आज बहुत सारा धन और जायदाद है, लेकिन फिर भी वह अपने पुराने घर अपने साथियों से हमेशा मिलने के लिए जाते रहते हैं। सही मायने में जॉनी लीवर ने बॉलीवुड में कॉमेडियन की स्थिति को बहुत ज्यादा मजबूत किया। भारतीय सिनेमा में उन्होंने जो योगदान दिया उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। जॉनी लीवर का जीवन हमें यही सीख देता है कि अपने पैशन और टैलेंट को साथ लेकर अगर हम आगे बढ़ेंगे तो जिंदगी के हर क्षेत्र में जरुर सफल होंगे ।
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