Golden Temple in Hindi – अमृतसर का “स्वर्ण मंदिर” ईश्वर की अनुकंपा की, स्वर्णिम किरणें बिखरने वाला मंदिर है। यह न केवल सिखों के लिए बल्कि अनगिनत श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
यह स्वर्ण मंदिर एक सुंदर सरोवर के मध्य में स्थित, संसार भर के सिखों के लिए श्रेष्ठ तीर्थ स्थान है।अमृतसर तथा यहां पर स्थित, स्वर्ण मंदिर की स्थापना का श्रेय, सिक्खों के चौथे गुरू “गुरु रामदास जी” को जाता है।
एक पवित्र लोक कथा के अनुसार
भगवान राम के दोनों पुत्र लव और कुश यहां, सरोवर के निकट विद्या अध्ययन और नारायण पाठ के लिए आए थे। ऐसा कहा जाता है कि इस सरोवर के जल में कई प्रकार के गुण हैं। जिसमें रोगी भी भला चंगा हो जाता है।
अमृतसर की स्थापना सन् 1574 से आरंभ होती है। गुरु राम दास जी ने सरोवर के किनारे डेरा डाला था। यहां पर भक्तों की भीड़ होने लगी। बाद में गुरु साहिब ने सरोवर व उसके आसपास की जमीन खरीद ली। और भक्तों ने यहां एक बड़ा सरोवर खोद दिया। गुरु के निवास स्थान को” गुरु का महल” नाम दिया गया। अमृत तुल्य जल से भरे इस विशाल जल के पास बसी, बस्ती का नाम “अमृतसर” रखा गया।
गुरु रामदास जी की यह योजना थी कि यहां पर मंदिर बनवा कर एक विशाल धार्मिक केंद्र की स्थापना की जाए। लेकिन 2 वर्ष बाद ही गुरु जी का देहावसान हो गया। इसके बाद उनके पुत्र व उत्तराधिकारी, अर्जुन देव जी ने, 1601 मे सरोवर के मध्य मंदिर निर्माण का कार्य पूरा किया। और यहां पर पवित्र “गुरु ग्रंथ साहिब” को स्थापित किया। तभी से सीखो व अन्य धर्मावलंबियों के लिए यह एक महान तीर्थ स्थान बन गया।
पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह जी ने, इस मंदिर के नीचे कुछ हिस्से में संगमरमर लगवाया और शेष हिस्से को तांबे से जड़वा कर ,ऊपर शुद्ध सोना मढवाया। अनुमान है इसमें करीब 400 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ। तभी से यह “स्वर्ण मंदिर” के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
स्वर्ण मंदिर का मुख्य मंदिर, पवित्र सरोवर के बीच में स्थित है। वहां पहुंचने के लिए एक 60 मीटर लंबा पुल बना है। इस पुल के किनारे को “दर्शनीय ढोडी” कहते हैं।
इस मंदिर के चार दिशाओं में चार द्वार हैं। जो इस बात का प्रतीक है कि यहां गुरु के दरबार में किसी भी दिशा से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत है। तीन मंजिल के स्वर्ण मंदिर के निर्माण कला अद्वितीय है।
पहली मंजिल में गुरु ग्रंथ साहब विराजमान है। जिसके ऊपर रत्न जड़ित छत्र है। यहां पर सवेरे 3:00 बजे से रात के 10:00 बजे तक गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ होता है। रात्रि 10:00 बजे पाठ की समाप्ति पर “गुरु ग्रंथ साहब” को सम्मान पूर्वक “कोठा साहिब” नामक स्थान पर ले जाकर प्रतिष्ठित किया जाता है।
इसके बाद हरि मंदिर साहब की सफाई कर इसे दूध से धोकर चांदनी आदि बिछा दी जाती है। सुबह फिर 3:00 बजे से प्रारंभ हो जाता है। 4:00 बजे से भक्ति संगीत के साथ, सम्मान पूर्वक सोने की पालकी में, गुरु ग्रंथ साहिब को पवित्र स्थान पर स्थापित कर दिया जाता है।
इसके बाद पूरे दिन श्रद्धालु यहां माथा टेकने आते हैं। स्वर्ण मंदिर में आने वाले यात्री स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हैं। यहां पर जूते पहनकर या फिर खुले सिर आना मना है। हर द्वार पर जूते और अन्य सामान रखने की और पैर धोने के लिए ,बहते हुए पानी की व्यवस्था है। बिना पैर धोए कोई अंदर प्रवेश नहीं कर सकता।
सरोवर में स्नान करके मनुष्य के सब दुख दूर होते हैं। स्नान व सरोवर की परिक्रमा कर, श्रद्धालु हरिमंदिर साहब पहुंचता है। गुरुओं के जन्मदिन एवं अन्य पर्वों पर स्वर्ण मंदिर को रोशनी से खूब सजाया जाता है। यहां श्रद्धालु भारी संख्या में दर्शनों के लिए आते हैं। दर्शनों के बाद हरि की पैड़ी पर चरणामृत लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां व्यक्ति की मुरादे पूरी होती हैं।
स्वर्ण मंदिर के निकट संगमरमर का दूसरा भवन है अकाल तख्त। इस की स्थापना सिखों के छठे गुरु “गुरु हरगोविंद जी” ने की थी। यह सिख धर्म का सर्वोच्च सिंहासन है। जहां से महत्वपूर्ण धर्म उपदेश तथा हुक्मनामे सुनाए जाते हैं। यहां विभिन्न गुरुओं के अस्त्र शस्त्र तथा कीमती आभूषण रखे हैं। यह ऐतिहासिक धरोहर भी दर्शनीय है।
गुरु का लंगर भी स्वर्ण मंदिर का विशेष आकर्षण है। यहां भोजन के समय हर किसी को भोजन मिलता है। सब लोग एक साथ पंक्ति में बैठकर निशुल्क लंगर करते हैं। स्वर्ण मंदिर में बड़े उत्साह के साथ श्रद्धालुओं में, दाल ,चावल, सब्जी और रोटियां बनाने व बांटने का कार्य, बहुत ही सेवा भाव से किया जाता है। इस प्रकार के कामों को “कारसेवा” कहते हैं। कार सेवा का सिख धर्म में बहुत महत्व माना जाता है।
You may also like:
Best Temple in South India – रामेश्वरम मंदिर
Story of Kedarnath Mandir in Hindi – केदारनाथ धाम
Informative & knowledgeable Article.
Outstanding article provided by you. Thank you very much.
This article is very helpful for learning Sikhism.
Well structured article.
Its an amazing wonderful picture